धर्म-अध्यात्म

नवरात्रि महाअष्टमी के दिन ऐसे करें महागौरी की आरती

Gulabi
12 Oct 2021 5:25 PM GMT
नवरात्रि महाअष्टमी के दिन ऐसे करें महागौरी की आरती
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महागौरी की आरती

Mahagauri Aarti/Mantra: नवरात्रि में दुर्गा अष्टमी का विशेष महत्व है. नवरात्रि में अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी का व्रत रखा जाता है. इस दिन मां दुर्गा के महागौरी के स्वरूप की पूजा की जाती है. कहते हैं कि मां महागौरी की पूजा और व्रत करने पर वे अपने भक्तों के दुखों को दूर करती हैं. मां की कृपा से जीवन में सुख, समृद्धि, सफलता, उन्नति और तरक्की​ मिलती है. इतना ही नहीं, कहते हैं कि मां महागौरी की पूजा से संतान से संबंधित समस्याएं भी दूर हो जाती हैं. इस दिन मां को पूजा में नारियल का भोग लगाना उत्तम रहता है. इसके साथ ही, महागौरी को पीले या सफेद रंग के फूल अर्पित करने चाहिए. अगर आपके लिए संभव हो तो इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करके ही पूजन करना चाहिए.


मान्यता है कि शारदीय नवरात्रि मां दुर्गा को प्रसन्न करने का उत्तम अवसर है. इस दिन मां महागौरी की आरती और बीज मंत्र का जाप कर उनकी कृपा पाई जा सकती है. बता दे कि पूजा के अंत में मां महागौरी की आरती कर्पूर या गाय के घी का दीपक जलाकर करनी चाहिए. दुर्गा अष्टमी के अवसर पर हम आपको मां महागौरी की आरती एवं महागौरी के बीज आदि के बारे में बता रहे हैं.
मां महागौरी की आरती (Maa Mahagauri Aarti)
जय महागौरी जगत की माया।

जया उमा भवानी जय महामाया।

हरिद्वार कनखल के पासा।

महागौरी तेरा वहां निवासा।

चंद्रकली और ममता अम्बे।

जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे।

भीमा देवी विमला माता।

कौशिकी देवी जग विख्याता।

हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा।

महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा।

सती 'सत' हवन कुंड में था जलाया।


उसी धुएं ने रूप काली बनाया।।

बना धर्म सिंह जो सवारी में आया।

तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया।

तभी मां ने महागौरी नाम पाया।

शरण आनेवाले का संकट मिटाया।

शनिवार को तेरी पूजा जो करता।
मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता।

भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो।

महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो।

मां महगौरी के जाप करने वाले मंत्र

महागौरी बीज मंत्र

श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।

महागौरी प्रार्थना मंत्र

श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।

महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥

महागौरी स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभू‍तेषु मां महागौरी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
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