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धर्म-अध्यात्म
ओम जय शिव ओंकारा... इस आरती के पढ़ें बिना अधूरी मानी जाती हैं महादेव पूजा, जानें जरुरी बातें
Manish Sahu
13 Aug 2023 10:33 AM GMT
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धर्म अध्यात्म: भगवान शिव की पूजा और उसके बाद आरती का अत्यंत महत्व है. बिना आरती के पूजा अधूरी मानी जाती है और बिना पूजा के आरती नहीं की जा सकती. हर हिंदू के घर में भगवान की सुबह और शाम दो टाइम आरती की जाती है. यह आरती भक्त रुई की बाती से घी या तेल का दीपक जलाकर या फिर कपूर से करते हैं. भगवान की आरती करते समय पूरा ध्यान भगवान की भक्ति में होना चाहिए. घी की ज्योति को आत्मा की ज्योति समझ कर आरती करना चाहिए. एक दिन में एक से पांच बार आरती की जा सकती है. वहीं घर में सुबह और शाम, दो बार आरती की जाती है. मान्यता के अनुसार आरती करने से पहले, भगवान शिव को नमस्कार करके तीन बार पुष्प अर्पित करें. उसके बाद आरती करें. आरती हमेशा दोनों हथेलियों से लेनी चाहिए.
शिवजी की आरती 1
॥ श्री शिवशंकरजी की आरती ॥
हर हर हर महादेव!
सत्य, सनातन, सुन्दर, शिव सबके स्वामी।
अविकारी अविनाशी, अज अन्तर्यामी॥
हर हर हर महादेव!
आदि, अनन्त, अनामय, अकल, कलाधारी।
अमल, अरूप, अगोचर, अविचल, अघहारी॥
हर हर हर महादेव!
ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर तुम त्रिमूर्तिधारी।
कर्ता, भर्ता, धर्ता, तुम ही संहारी॥
हर हर हर महादेव!
रक्षक, भक्षक, प्रेरक, प्रिय औढरदानी।
साक्षी, परम अकर्ता, कर्ता अभिमानी॥
हर हर हर महादेव!
मणिमय-भवन निवासी, अति भोगी रागी।
सदा श्मशान विहारी, योगी वैरागी॥
हर हर हर महादेव!
छाल-कपाल, गरल-गल, मुण्डमाल व्याली।
चिता भस्मतन त्रिनयन, अयनमहाकाली॥
हर हर हर महादेव!
प्रेत-पिशाच-सुसेवित, पीत जटाधारी।
विवसन विकट रूपधर, रुद्र प्रलयकारी॥
हर हर हर महादेव!
शुभ्र-सौम्य, सुरसरिधर, शशिधर, सुखकारी।
अतिकमनीय, शान्तिकर, शिवमुनि मन-हारी॥
हर हर हर महादेव!
निर्गुण, सगुण, निरञ्जन, जगमय नित्य प्रभो।
कालरूप केवल हर! कालातीत विभो॥
हर हर हर महादेव!
सत्, चित्, आनन्द, रसमय, करुणामय धाता।
प्रेम-सुधा-निधि प्रियतम, अखिल विश्व त्राता॥
हर हर हर महादेव!
हम अतिदीन, दयामय! चरण-शरण दीजै।
सब विधि निर्मल मति कर, अपना कर लीजै॥
हर हर हर महादेव!
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