धर्म-अध्यात्म

महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर ये चीजें अर्पित करने से दूर होंगी सभी समस्याएं, रोगों से मिलेगी मुक्ति

Tulsi Rao
9 Feb 2022 6:32 PM GMT
महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर ये चीजें अर्पित करने से दूर होंगी सभी समस्याएं, रोगों से मिलेगी मुक्ति
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पूजा करने से भक्तों के समस्या दुख दूर होते हैं और भोलेनाथ उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। महाशिवरात्रि (Maha Shivratri 2022) के नाम से भी जाना जाता है. शिवरात्रि का दिन भगवान शिव जी (Lord Shiva) को समर्पित होता है. इस दिन भोलेशंकर और माता पार्वती (Bholeshankar And Parvati Puja) की विधि-विधान से पूजा करने से भक्तों के समस्या दुख दूर होते हैं और भोलेनाथ उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.

शिवरात्रि के दिन शिवलिंग (Shivling) का अभिषेक किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन शिवलिंग पर सबसे पहले पंचामृत यानी दूध, गंगाजल, केसर, शहद, और जल से बना हुआ मिश्रण अर्पित करना चाहिए. आइए जानते हैं भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर क्या चीजें अर्पित करनी चाहिए.
बिल्व पत्र: भगवान शिव (Lord Shiva) के पूजन में बिल्वपत्र और अभिषेक को विशेष स्थान दिया गया है. ऋषियों का कहना है कि भोलेनाथ को बिल्वपत्र चढ़ाना और एक करोड़ कन्याओं का कन्यदान का फल एक सामान माना जाता है. महाशिवरात्रि के दिन तीन पत्तियों वाले बिल्वपत्र को इस मंत्र के साथ अर्पित करना चाहिए.
त्रिदलं त्रिगुणकरं त्रिनेत्र व त्रिधायुतम|
त्रिजन्म पाप संहार बिल्व पत्रं शिवार्पणम||
भांग: शास्त्रों में वर्णित हैं कि भगवान शिव ने हलाहल विष का पान किया था, जिसके उपचार के लिए देवताओं ने कई तरह की जड़ी बूटियों का प्रयोग किया था. उसमें से एक है भांग. इसलिए मान्यता है कि भगवान शिव को भांग बेहद प्रिय है. महाशिवरात्रि के दिन भांग के पत्ते पीसकर दूध या जल में घोलकर भगवान का अभिषेक करने से रोग दोष से मुक्ति मिलती है.
धतूरा: धतूरा भी एक जड़ी बूटी माना जाता है. भगवना के सिर में चढ़े विष के प्रभाव को कम करने के लिए धतूरा अर्पित किया जाता है. इसलिए महाशिवरात्रि के खास दिन भगवान शिव को धतूरा अर्पित करना न भूलें. धतूरा अर्पित करने से शत्रुओं का भय दूर हो जाता है. इसके साथ ही, आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है.
गंगाजल: ग्रंथों में उल्लेख है कि भगवान विष्णु जी के चरणों से निकली गंगा भगवान शिव जी की जटाओं से होती हुईं धरती पर उत्तरी हैं. इसलिए सभी नदियों में गंगा नदी को पवित्र स्थान प्राप्त है. मान्यता है कि गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करने से मानसिक शांति और सुख की प्राप्ति होती है.
गन्ने का रस: जीवन में मिठास और सुख का प्रतीक गन्ना को माना गया है. वहीं, शास्त्रों के अनुसार गन्ने पवित्र फल में से एक है. मान्यता है कि कामदेव का धनुष गन्ने से बना है. वहीं, देवप्रबोधनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु और मां तुलसी की पूजा करने के लिए गन्ने का घर बनाया जाता है. मान्यता है कि गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है.


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