धर्म-अध्यात्म

महालक्ष्मी व्रत के समय पूजा में चढ़ाएं ये वस्तुएं, होगा धन लाभ

Subhi
9 Sep 2022 6:22 AM GMT
महालक्ष्मी व्रत के समय पूजा में चढ़ाएं ये वस्तुएं, होगा धन लाभ
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धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त करने के लिए श्री महालक्ष्मी व्रत रखा जाता है. श्री महालक्ष्मी व्रत सोलह दिनों तक रखा जाता है, जो भाद्रपद की शुक्ल अष्टमी के दिन शुरू होता है और आश्विन कृष्ण अष्टमी को समापन होता है. आज भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी तिथि है.

धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त करने के लिए श्री महालक्ष्मी व्रत रखा जाता है. श्री महालक्ष्मी व्रत सोलह दिनों तक रखा जाता है, जो भाद्रपद की शुक्ल अष्टमी के दिन शुरू होता है और आश्विन कृष्ण अष्टमी को समापन होता है. आज भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी तिथि है. इस दौरान मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा-अर्चना करने से उनकी कृपा बनी रहती है. मां लक्ष्मी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं.

पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि श्री महालक्ष्मी व्रत के दौरान अगर मां लक्ष्मी की पूजा में विशेष वस्तुएं चढ़ाएंगे तो दोगुना फल मिलता है. आइये जानते हैं श्री महालक्ष्मी व्रत के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

महालक्ष्मी व्रत तिथि और शुभ मुहूर्त

महालक्ष्मी व्रत 3 सितंबर 2022 से प्रारंभ होकर 17 सितंबर 2022 तक रखा जाएगा.

अष्टमी तिथि प्रारंभ 3 सितंबर 2022 को दोपहर 12.28 बजे से

अष्टमी तिथि समाप्त 04 सितंबर 2022 को सुबह 10.39 बजे.

पूजा में शामिल करें ये वस्तुएं

ज्योतिषियों के अनुसार, अगर सच्ची श्रद्धा से मां महालक्ष्मी व्रत किया जाए तो मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती हैं. महालक्ष्मी व्रत काफी महत्व रखता है. महालक्ष्मी व्रत की पूजा के दौरान मां लक्ष्मी को विशेष वस्तुएं चढ़ाने से इसका फल दोगुना हो जाता है. पूजा के दौरान सुहाग का सामान जैसे साड़ी, बिंदी, बिछिया, सिंदूर, चूड़ी आदि अर्पित करने से सुहाग की उम्र बढ़ती है.

पूजा में मां लक्ष्मी को फूल चढ़ाएं, कमलगट्टा चढ़ाएं, दीपक करें और लक्ष्मी जी की आरती करें. माता जी का ध्यान करते हुए महालक्ष्मी स्त्रोत और कथा पढ़ें. इससे घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, 16 दिन तक महालक्ष्मी व्रत करने और 16वें दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. लेकिन ध्यान रखें कि व्रत के दौरान अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए.


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