धर्म-अध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा को लगाएं मालपुए का भोग

Subhi
29 Sep 2022 5:41 AM GMT
नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा को लगाएं मालपुए का भोग
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नवरात्र के चौथे दिन दुर्गा मां के नौ स्वरूपों में से चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। इन देवी का स्वरूप शांत, सौम्य और मोहक है। यह रूप घर और कार्यक्षेत्र के बीच संतुलन बनाकर चलने वाली महिला का प्रतीक है। आज के दिन मां कूष्मांडा को मालपुए का भोग लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है

नवरात्र के चौथे दिन दुर्गा मां के नौ स्वरूपों में से चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। इन देवी का स्वरूप शांत, सौम्य और मोहक है। यह रूप घर और कार्यक्षेत्र के बीच संतुलन बनाकर चलने वाली महिला का प्रतीक है। आज के दिन मां कूष्मांडा को मालपुए का भोग लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे बुद्धि, यश के साथ निर्णय लेने की क्षमता में भी बढ़ोत्तरी होती है। साथ ही रोगों का भी नाश होता है। मालपुए की सबसे बड़ी खासियत है कि यह मिनटों में तैयार हो जाता है। तो कैसे बनाएं इसे, यहां जानें इसकी रेसिपी।

मालपुए के रेसिपी

सामग्री- गेहूं का आटा- 125 ग्राम, दूध- 50 ग्राम, चीनी- 50 ग्राम, देसी घी- 2 टीस्पून

विधि

मालपुए बनाने के लिए सबसे पहले एक कटोरे में चीनी और दूध लें। चम्मच की मदद से इसे चलाते रहें जिससे चीनी दूध में अच्छी तरह से घुल जाए।

अब इस घोल में आटा डालते जाए और मिलाते जाएं। ध्यान रहें आटे को एक बार में नहीं डालना है, धीरे-धीरे करके डालें जिससे गुठलियां न पड़ें। घोल को अच्छी तरह मिक्स करना है इसके चिकना होने तक।

अब कढाई में घी डालकर गरम करें। स्पून या कलछी की मदद से अब इस घोल को कढ़ाई में डालते जाएं। अलट-पलट कर सेंक लें इसे दोनों साइड से।

इस तरह बाकी मालपुए भी बना लें। तैयार है भोग के लिए स्वादिष्ट मालपुए।

मालपुआ बनाते वक्त इन बातों का रखें ध्यान

मालपुआ बनाते वक्त उसमें डाली जाने वाली चीज़ों की मात्रा पर ध्यान दें। अगर आपने किसी भी एक चीज़ का इस्तेमाल कम या ज्यादा किया तो इससे मालपुए के स्वाद और टेक्सचर में फर्क आ सकता है।

चाहें तो मालपुए में खोया भी डाल सकते हैं। इससे मालपुए मुलायम और स्वादिष्ट बनेंगे। मालपुए में खड़े ड्राई फ्रूट्स कई बार अच्छे नहीं लगते, तो आप इसे बारीक़ पीस कर भी डाल सकते हैं जायका बढ़ जाएगा। मालपुए बनाते हुए ध्यान रखे की मालपुए के लिए बनाया गया घोल ना तो ज्यादा पतला हो और ना ही ज्यादा गाढ़ा। अगर आपका घोल पतला हो गया तो मालपुए बनाने में बहुत मुसीबत होती है।


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