धर्म-अध्यात्म

Makar Sankranti पर इन देवताओं को अर्पित करें खिचड़ी, पूरी होगी मनोकामना

Tara Tandi
13 Jan 2025 1:20 PM GMT
Makar Sankranti पर इन देवताओं को अर्पित करें खिचड़ी, पूरी होगी  मनोकामना
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Makar Sankranti ज्योतिष न्यूज़: मकर संक्रांति भारतीय परंपरा और संस्कृति का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे हर वर्ष 14 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देवता मकर राशि में प्रवेश करते हैं, जो इस पर्व को विशेष महत्व प्रदान करता है। इस अवसर पर लोग बड़े उत्साह और उल्लास के साथ इसे मनाते हैं। मकर संक्रांति पर खिचड़ी बनाने और देवी-देवताओं को इसका भोग अर्पित करने की प्राचीन परंपरा है। यह शुभ माना जाता है और इससे जीवन में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आइए जानें कि किन देवी-देवताओं को मकर संक्रांति पर खिचड़ी का भोग
अर्पित करना चाहिए।
सूर्यदेव को खिचड़ी का भोग
हिंदू धर्म में सूर्यदेव को प्रत्यक्ष देवता और सौर मंडल का अधिपति माना गया है। वे सभी ग्रहों के स्वामी होते हैं और उनकी कृपा से जीवन में खुशहाली और समृद्धि आती है। मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन सूर्यदेव को खिचड़ी का भोग अर्पित करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और जीवन की कठिनाइयों का समाधान होता है। खासकर जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर होता है, उनके लिए यह उपाय अत्यधिक लाभकारी हो सकता है।
शनिदेव को खिचड़ी का भोग
शनिदेव को कर्म और न्याय के देवता माना जाता है। वे व्यक्ति के अच्छे और बुरे कर्मों के आधार पर फल प्रदान करते हैं। मकर संक्रांति पर शनिदेव को खिचड़ी का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है। यह माना जाता है कि ऐसा करने से शनिदेव के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। इस दिन शनिदेव की विशेष पूजा करने से आर्थिक स्थिति में सुधार और खुशहाली का अनुभव होता है।
भगवान विष्णु को खिचड़ी का भोग
भगवान विष्णु को खिचड़ी का भोग अर्पित करना भी शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि खिचड़ी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। इस दिन उन्हें खिचड़ी अर्पित करने से उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, यह भी माना जाता है कि इस उपाय से व्यक्ति को गुरुदोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है।
मकर संक्रांति पर इन देवी-देवताओं को खिचड़ी का भोग अर्पित करना न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मानसिक और आध्यात्मिक शांति का भी स्रोत है।
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