धर्म-अध्यात्म

विवाह में आ रही बाधाएं मां कात्यायनी की पूजा से होंगी दूर, मिलेगा मनचाहा जीवनसाथी

Renuka Sahu
1 Oct 2022 1:42 AM GMT
Obstacles coming in marriage will be overcome by worshiping mother Katyayani, you will get your desired life partner
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 न्यूज़ क्रेडिट : lagatar.in

शारदीय नवरात्र का आज छठा दिन हैं. इस दिन मां दुर्गा के छठें स्वरूप मां कत्यायनी की पूजा की जाती है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शारदीय नवरात्र का आज छठा दिन हैं. इस दिन मां दुर्गा के छठें स्वरूप मां कत्यायनी की पूजा की जाती है. कात्यायनी को मां दुर्गा का ज्वलत स्वरूप माना जाता है. शास्त्रों की मानें तो माता कात्यायनी को भगवान ब्रह्मा की मानस पुत्री माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन मां कात्यायनी की पूजा विधि-विधान से करने से हर काम में सफलता मिलती है. साथ ही शत्रुओं के ऊपर विजय प्राप्त होती है.

प्रेम को पाने के लिए कृष्ण ने भी की थी कात्यायनी की पूजा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था. इसलिए उन्हें ब्रजभूमि की अधिष्ठात्री देवी भी कहा जाता है. ब्रजभूमि की कन्याओं ने श्रीकृष्ण के प्रेम को पाने के लिए इनकी आराधना की थी. भगवान श्रीकृष्ण ने भी देवी कात्यायनी की पूजा की थी.
कात्यायनी की पूजा से मिलता है मनचाहा जीवनसाथी
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, माता कात्यायनी की अराधना करने से कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत होती है. इनकी पूजा करने से मनचाहा जीवनसाथी भी मिलता है. साथ ही विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं. ऐसे में जिन लड़कियों को शीघ्र विवाह के लिए माता कात्यायनी की पूजा करने के लिए कहा जाता है.
मधुयुक्त पान है मां को अत्यंत प्रिय
शास्त्रों के अनुसार, देवी मां का स्वरूप स्वर्ण के समान चमकीला है. मां का वाहन सिंह है. मां की 4 भुजाएं हैं. एक हाथ में तलवार, दूसरे में कमल और दो हाथ अभय मुद्रा और अभयमुद्रा में है. देवी कात्यायनी को मधुयुक्त पान अत्यंत प्रिय है. मां को खुश करने के लिए फल और मिठाई के साथ शहद युक्त पान भोग लगाना चाहिए. ऐसा करमे से भक्तों के सभी मंगल कार्य पूरे होते हैं. मां कात्यायनी को लाल रंग बहुत प्रिय है. इसलिए लाल रंग के फूल या गुलाब चढ़ाने चाहिए. इनकी पूजा करते वक्त पीले या लाल रंग के वस्त्र धारण करनी चाहिए. मां कात्यायनी का ध्यान करते हुए हाथ में पीला फूल और पीला नैवेद्य अर्पित करें.
मां कात्यायनी की आरती
जय जय अंबे जय कात्यायनी। जय जग माता जग की महारानी॥ बैजनाथ स्थान तुम्हारा। वहावर दाती नाम पुकारा॥ कई नाम है कई धाम है। यह स्थान भी तो सुखधाम है॥ हर मंदिर में ज्योत तुम्हारी। कही योगेश्वरी महिमा न्यारी॥ हर जगह उत्सव होते रहते। हर मंदिर में भगत है कहते॥ कत्यानी रक्षक काया की। ग्रंथि काटे मोह माया की॥ झूठे मोह से छुडाने वाली। अपना नाम जपाने वाली॥ बृहस्पतिवार को पूजा करिए। ध्यान कात्यानी का धरिये॥ हर संकट को दूर करेगी। भंडारे भरपूर करेगी॥ जो भी मां को भक्त पुकारे। कात्यायनी सब कष्ट निवारे॥
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