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धर्म-अध्यात्म
वास्तु विज्ञान : ये 9 रंग है खास, इनमें छिपा है सुख-समृद्धि का राज, जानें कब कहां किसका कैसे करें प्रयोग
Deepa Sahu
29 May 2021 3:09 PM GMT
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जानें किस रंग में छिपा है कौन सा राज
सदियों से रंगों के शक्तिशाली प्रभावों की पैरवी होती आ रही है। वास्तु के अनुसार नकारात्मक शक्तियों को दूर करने की बात हो या सुख-सौभाग्य में वृद्धि की। रंगों का चयन अगर सोच-समझकर किया जाए तो ये पलक झपकते ही आपकी प्रॉब्लम सॉल्व कर सकते हैं। लेकिन अगर इनके प्रयोग में सावधानी न बरती जाए तो ये उलट परिणाम भी देते हैं। इसलिए रंगों का चयन बहुत ही सावधानी से करना चाहिए। इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही 9 रंगों की जानकारी दे रहे हैं, जिनके प्रयोग से सुख-समृद्धि मिलती है और नकारात्मकता दूर होती है।
यह रंग लाता है सुख-समृद्धि
वास्तुशास्त्र के अनुसार, लाल रंग का हर रंग की अपेक्षा अधिक बलशाली माना गया है। इसलिए इसका प्रयोग उन कमरों में करें जहां हमेशा हलचल रहती हो। इस रंग का प्रयोग जिम्नेजियम या फिर ड्राइंग रूम में किया जा सकता है। मान्यता है यह रंग जीवन में सुख-समृद्धि लेकर आता है। लेकिन बेडरूम में भूलकर भी इसका प्रयोग न करें।
यह रंग देता है मानसिक संबल
वास्तुशास्त्र के अनुसार, लाल रंग की तुलना में नारंगी रंग अत्यधिक संकोची माना गया है। लेकिन यह समाजिकता का प्रतीक होता है। साथ ही इसके प्रयोग से मानसिक संबल भी मिलता है। यही वजह है कि इसका प्रयोग उस कमरे में करें, जहां आप अमूमन परिवार के सदस्यों के साथ बैठकर बातचीत करते हों। मान्यता है कि इस रंग से जीवन में आने वाली परेशानी से बचने के लिए मानसिक तौर पर मजबूती मिलती है।
यह रंग कभी भी निराश नहीं होने देता
पीले रंग का विशेष महत्व माना जाता है। उत्साह का प्रतीक यह ऐसा रंग है जो कभी भी निराश नहीं होने देता। गंभीर से गंभीर परिस्थिति में भी यह जातक को हिम्मत देता है और अंतत: जातकों को सफल होते हुए भी देखा गया है। इस रंग का प्रयोग ड्राइंग रूम या फिर हॉल में किया जा सकता है।
यह रंग लाता है जीवन में शांति
इंद्रधनुष के बीच में स्थित होने वाला हरा रंग शांति का रंग होता है। इसे सद्भावना का भी रंग मानते हैं। कहते हैं कि इस रंग का बेडरूम में प्रयोग करने से जीवन में कोई तनाव नहीं होता। साथ ही जो भी जातक इस रंग का प्रयोग करते हैं उनके जीवन में सुख के साथ ही शांति और सद्भावना का वास होता है।
यह रंग प्रबल करता है सुरक्षा की भावना
वास्तु के अनुसार नीला रंग सुरक्षा की भावना को प्रबल करता है। इसके अलावा इस रंग को सत्य और वैचारिकता का भी रंग माना गया है। इसलिए जिस भी कमरे में आप चिंतन-मनन करते हों, वहां इसी रंग का प्रयोग किया जाना चाहिए। मान्यता है कि इस रंग के प्रयोग से जातकों में कठिन से कठिन परिस्थिति से निकलने की भावना प्रबल होती है। साथ ही जीवन में सत्य का वास होता है।
यह रंग लाता है जीवन में आध्यात्मिकता
वास्तु के अनुसार अगर जीवन में आध्यात्मिकता पानी हो तो बैंगनी रंग का प्रयोग किया जाना चाहिए। मान्यता है यह रंग जातकों को धर्म-अध्यात्म की ओर अग्रसर करता है। इसलिए इस रंग का प्रयोग पूजा घर में किया जा सकता है। इसके प्रभाव से जीवन में आने वाले दु:ख-तकलीफों का भी नाश होता है।
रंग बढ़ाता है आत्मसम्मान
वास्तु के अनुसार पुराने समय में राज परिवार के सदस्य हों या राजा अमूमन सुनहरे रंग के ही वस्त्र धारण करते थे। इसके पीछे यह मान्यता है कि यह रंग आत्म सम्मान और धन वृद्धि का सूचक है। इसलिए इसका प्रयोग जितना भी किया जाए वह धन और आत्मसम्मान में उतनी ही वृद्धि कराता है। इसके अलावा यह रंग जीवन में सौभाग्य भी लेकर आता है। इसका प्रयोग अपने धारण किए जाने वाले वस्त्रों और कमरों के पर्दों में किया जा सकता है।
यह रंग धारण करने वाले होते हैं निष्कपट
वास्तु के अनुसार सफेद रंग पवित्रता और निष्कपटता का प्रतीक होता है। इसके प्रयोग से मन शांत होता है। इसका प्रयोग किसी भी कमरे में किया जा सकता है। साथ ही वस्त्रों में भी इसे प्रमुखता दी जा सकती है। कहते हैं कि जिन जातकों को सफेद रंग पसंद होता है। उनके मन में किसी भी तरह का कपट नहीं होता है।
यह रंग बढ़ाता है जीवन में उलझनें
वास्तुशास्त्र के अनुसार, काला रंग जीवन में उलझनें और मुसीबतें बढ़ाता है। यही वजह है कि इसका प्रयोग घर के कमरों में करने से बचना चाहिए। कहते हैं कि यह रंग सारे रंगों को अपने अंदर समाहित कर लेता है। इसके चलते जातकों को किसी न किसी तरह की मानसिक उलझन और मुसीबत लगी रहती है। यही वजह है कि मुख्य द्वार पर तो विशेष रूप से काले रंग के प्रयोग से बचने की सलाह दी जाती है
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