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Numerology Number 06 : जानिए अंक 06 से जुड़े सारे राज

Gulabi
2 Dec 2021 2:28 PM GMT
Numerology Number 06 : जानिए अंक 06 से जुड़े सारे राज
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अंक 06 से जुड़े सारे राज
ज्योतिष में जिस तरह किसी भी जातक की कुंडली में स्थित नवग्रहों का प्रभाव पड़ता है, कुछ उसी प्रकार अंकशास्त्र के अनुसार व्यक्ति के मूलांक का उसके जीवन पर आजीवन असर बना रहता है. यदि बात करें अंक 06 की तो इस अंक का स्वामी शुक्र ग्रह है, जिसका असर इस अंक से जुड़े लोगों पर खूब दिखता है. शुक्र ​से प्रभावित अंक छह से जुड़े लोग अत्यंत ही आकर्षक होते हैं. ऐसे जातकों को लोगों से मिलना-जुलना खूब भाता है. ऐसे लोग अक्सर प्रेम सबंधों से जुड़े होते हैं. इन्हे शानो-शौकत खूब भाती है. इसी तरह इनका लगाव कला, संस्कृति आदि से भी होता है. आइए अंक 06 से जुड़े अनजाने राज के बारे में विस्तार से जानते हैं.
मूलांक 6 का करिअर और कारोबार
मूलांक छह के लोग अक्सर वास्तुकला, इंजीनियरिंग, सोने-चांदी का काम, होटल,कला, संगीत आदि को अपने कॅरिअर के रूप में चुनते हैं. अंक 06 से जुड़े लोग अधिकर कलाकार, अध्यापक, डिजाइनर, ब्यूटिशियन, रंगमंच निर्देशक, फैशन विशेषज्ञ, फिल्म उद्योगपति, केश संवारक, मेकअप आर्टिस्ट संगीतकार, इत्र, दवा या शराब आदि के व्यवसायी होते हैं.
मूलांक 06 के लिए शुभ दिन
मूलांक 06 से जुड़े लोगों के लिए मंगलवार, बृहस्पतिवार एवं शुक्रवार दिन अत्यंत शुभ साबित होता है. अंकशास्त्र के अनुसार यदि शुक्रवार का दिन 6, 15, 24 तारीख को पड़े तो 06 अंक के लिए अत्यंत ही शुभ होता है.
मूलांक के लिए शुभ तिथि
जिन लोगों का मूलांक 06 होता है, उनके लिए 6, 15, 24 तारीख शुभ होती हैं. ऐसे में इस अंक से जुड़े लोगों को अपने महत्वपूर्ण काम मुख्य रूप से इन्हीं तिथियों पर करना चाहिए. मूलांक 06 वाले व्यक्ति यदि 20 अप्रैल से 24 मई के बीच तथा 21 सितम्बर से 24 अक्टूबर के बीच उक्त शुभ तिथियों में कोई कार्य आरम्भ करें तो इन्हें विशेष सफलता प्राप्त होती है.
मूलांक 06 की सबसे बड़ी कमी
शुक्र से प्रभावित मूलांक 06 के लोग अक्सर बगैर सोचे-समझे ​लोगों के साथ प्रेम–संबंध बना लेते हैं. सौंदर्य प्रेमी होने के कारण ये अक्सर विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित हो जाते हैं. हालांकि कई बार ये बगैर सोचे–समझे प्रेम प्रसंग में फंसने के कारण मुसीबत में फंस जाते हैं और इन्हें बाद में पछताना भी पड़ता है.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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