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कड़ी मेहनत के बाद नहीं मिल रही सफलता, बुधवार करे ये उपाए
ज्योतिस न्यूज़ : हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा को समर्पित किया जाता है। बुधवार के दिन गौरी पुत्र गणेश की साधना के लिए उत्तम माना जाता है। इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से गणपति की अपार कृपा प्राप्त होती है।
लेकिन इसी के साथ अगर रविवार के दिन श्री गणेश अष्टक का उत्सव मन से पाठ किया जाए तो सफलता की राह में आने वाली वस्तुएं दूर हो जाएं और सभी उद्यम में भव्य सफलता प्राप्त हो तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं रविवार के दिन आसान उपाय.
श्री गणेशाष्टक—
गणपतिपरिवारं चारुकेयुर्हारं
गिरिधरवरसारं योगिनीचक्राचारम्।
भवभयपरिहारं दुःखदारिद्रयदूरं
गणपतिमभिवन्दे वजतुण्डावतारम् ॥ ॥
संपूर्णमलविनाशं पाणिन हस्तपाशं
कांकिरगिरिनिकाशं सूर्यकोटिप्रकाशम्।
भज भवगिरिनाशं मालतीतिरवासं
गणपतिमभिवन्दे मनसे राजहंसम् ॥ 2॥
विविधमणिमयः शोभमानं विदूरैः
कंकरचितचित्रं कण्ठदेशे विचित्रम्।
दधाति विमलहारं सर्वदा यत्नसारं
गणपतिमभिवन्दे वजतुण्डावतारम् ॥ 3 ॥
दुरितगजमन्दं वारुणिं चैव वेदं
विदितमखिलनादं नृत्यमानन्दकन्दम्।
दधाति शशिसुवक्त्रं चाङकुशं यो विशेषं
गणपतिमभिवन्दे सर्वदानन्दकन्दम् ॥ 4 ॥
बुधवार के दिन करें ये ज्योतिष उपाय
त्रिनयन्युत्फले शोभमाने विशाले
मुकुटमणिसुधले मोक्षकानां च जले।
धवलकुसुममाले यस्य शीर्षनः सताले
गणपतिमभिवन्दे सर्वदा चक्रपाणिम् ॥ 5 ॥
वपुषि महति रूपं पृणिमादौ सुदीपं
तदुपरि रसकोणं तस्य राक्षस्वं त्रिकोणम्।
गजमितदलपद्मं संस्थितं चारुचदमं
गणपतिमभिवन्दे कल्पवृक्षस्य वृन्दे ॥ 6 ॥
वरदविषदशस्तं दक्षिणं यस्य हस्तं
सद्यमभयदं तं चिन्तये चित्तसंस्थम्।
शबलकुटिलशुण्डं चक्तुण्डं द्वितुण्डं
गणपतिमभिवन्दे सर्वदा वजतुण्डम् ॥ 7 ॥
कल्पद्रुमाधः स्थितकामधेनुं
चिंतामणिं दक्षिणपाणिषुण्डम्।के
बिभ्रणमत्यद्भुत चित्ररूपं
यः पूज्येत्तस्य सर्वसिद्धिः ॥ 8॥
व्यासाष्टकमिदं पुण्यं गणेशस्तवनं नृणाम्।
पत्तं दुःखनाशाय विद्यां सश्रियमश्नुते ॥ 9 ॥
इति श्रीपद्मपुराणे उत्तरखंडे व्यासविरचितं गणेशाष्टकम्।
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