धर्म-अध्यात्म

Nirjala Ekadashi: चित्रा और स्वाती नक्षत्र के साथ रवि योग में मनाई जाएगी निर्जला एकादशी

Ritik Patel
17 Jun 2024 1:49 PM GMT
Nirjala Ekadashi: चित्रा और स्वाती नक्षत्र के साथ रवि योग में मनाई जाएगी निर्जला एकादशी
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Nirjala Ekadashi: निर्जला एकादशी तिथि पर 04 शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान Vishnu की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाएंगे। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 16 जून की रात्रि 02 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगी और 17 जून की रात्रि 04 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से व्यक्ति द्वारा जाने-अनजाने में किए गए सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही व्यक्ति की मनचाही कामना भी पूरी होती है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि एकादशी व्रत करने से साधक को मृत्यु उपरांत वैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। इसके लिए साधक एकादशी तिथि पर व्रत रख विधिपूर्वक भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। साल भर की चौबीस एकादशी में से सबसे कठिन एकादशी का व्रत निर्जला एकादशी हर वर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन व्रत रखने से साधक को सभी एकादशी के समतुल्य फल प्राप्त होता है। इसे भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है।
श्री रुद्र बाला धाम के पंडित डा. कान्हा कृष्ण शुक्ल ने बताया निर्जला एकादशी तिथि पर 04 शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाएंगे। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 16 जून की रात्रि 02 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगी और 17 जून की रात्रि 04 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए 17 जून सोमवार को ही भीमसेनी निर्जला एकादशी का व्रत किया जायेगा। 17 जून को गायत्री जयंती भी है। निर्जला एकादशी वैष्णव और स्मार्त एक साथ मनाएंगे। वहीं, साधक 18 जून को सुबह 8.45 से लेकर दोपहर 01 बजकर 56 मिनट तक किसी भी समय पारण कर सकते हैं। इस एकादशी में पूजा पाठ का तो महत्व होता है ही, लेकिन दान का भी खास महत्व है। एकादशी के दिन अगर आप घड़े में जल भरकर, पंखा, चप्पल, वस्त्र इत्यादि दान करते हैं तो पितृ प्रसन्न होते हैं। इस दिन मीठे जल का दान के साथ जल कुम्भ के दान का विशेष महत्व है। इस एकादशी के दिन बेहद शुभ संयोग बनने जा रहा है, कभी कभार ही ऐसा संयोग देखने को मिलता है। इस एकादशी के दिन चित्रा एवं Swati Nakshatra के साथ शिव और रवि योग का निर्माण हो रहा है जो बेहद शुभ माना जाता है।

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