धर्म-अध्यात्म

Nirjala Ekadashi 2021: निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं, जानें व्रत की कथा

Deepa Sahu
18 Jun 2021 2:27 PM GMT
Nirjala Ekadashi 2021: निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं, जानें व्रत की कथा
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निर्जला एकादशी को सभी एकादशी तिथियों में श्रेष्ठ माना गया है.

Nirjala Ekadashi 2021 Date: निर्जला एकादशी को सभी एकादशी तिथियों में श्रेष्ठ माना गया है. ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी तिथि का व्रत रखा जाता है. निर्जला एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है.

निर्जला एकादशी का व्रत जीवन में जल के महत्व बताता है
निर्जला एकादशी का व्रत जीवन में जल की उपयोगिता और महत्व को बताता है. इस व्रत में अन्न के साथ जल का भी त्याग किया जाता है. जल की एक भी बूंद इस व्रत के दौरान ग्रहण नहीं की जाती है. इसीलिए इस एकादशी को निर्जला एकादशी कहा जाता है. निर्जला एकादशी ज्येष्ठ मास की अंतिम एकादशी है. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक ज्येष्ठ मास को तीसरा महीना माना गया है. धार्मिक कार्यों के लिए ज्येष्ठ मास को उत्तम माना गया है. इस मास में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है. ज्येष्ठ मास का 24 जून को हो रहा है.
निर्जला एकादशी व्रत की पौराणिक कथा (Nirjala Ekadashi Vrat Story)
निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है. इसकी कथा भीम से भी जुड़ी हुई है. माना जाता है कि महाभारत काल के समय एक बार भीम ने महर्षि वेद व्यास जी से पूछा कि बिना एकादशी व्रत रखे, एकादशी व्रत का पुण्य कैसे प्राप्त किया जा सकता है? महर्षि वेद व्यास ने भीम का तब निर्जला एकादशी व्रत रखने की सलाह दी. व्यास जी ने इस व्रत की विधि भीम को बताई और कहा कि इस व्रत के दौरान अन्न और जल का पूरी तरह से त्याग किया जाता है. इसके साथ ही एकादशी का व्रत पारण द्वादशी की तिथि में नियम पूवर्क करना चाहिए. ऐसा करने से सभी एकादशी व्रतों का फल प्राप्त होता है. व्यास जी के कहने पर भीम ने निर्जला एकादशी का व्रत विधि पूर्व पूर्ण किया और सभी प्रकार के पापों से मुक्त हो गए.
निर्जला एकादशी का शुभ मुहूर्त
निर्जला एकादशी तिथि: 21 जून 2021
एकादशी तिथि प्रारंभ: 20 जून, रविवार को शाम 4 बजकर 21 मिनट से शुरू
एकादशी तिथि समापन: 21 जून, सोमवार को दोपहर 1 बजकर 31 मिनट तक
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