- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- शनि देव को इस आसान...
x
हिंदू धर्म में जहां कई देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करने का विधान है। शनि देव कर्मों के आधार पर व्यक्ति को उसका फल देते हैं। शनि देव को न्याय का देवता कहा गया है। सनातन धर्म में जहां यमराज मृत्यु के देवता हैं तो वहीं शनि देव कर्म के दंडाधिकारी हैं। माना जाता है व्यक्ति से गलती जान कर हो या अंजाने में व्यक्ति को उसका फल तो भोगना ही पड़ता है। यही कारण है कि कई लोग शनि देव को क्रूर माना जाता है। आइए जानते हैं शनि देव के बारे में कि आप किन उपायों से शनि देव को प्रसन्न कर सकते हैं।
कैसे बढ़ती हैं मुश्किलें
शनि देव के बारे में मान्यता है कि वह अपनी चाल से या राशि में आकर व्यक्ति को उसके कर्मों का फल देते हैं। इसमें सबसे बुरी स्थिति तब मानी जाती है, जब किसी को शनि की साढ़े साती और ढैय्या लगती है। या फिर व्यक्ति की कुंडली में शनि के अशुभ प्रभाव के कारण वह किसी रोग से पीड़ित हो।
शनि की कृपा
शनिदेव न्याय के विधान से बंधे होने की वजह से गलत कर्मों का फल जरूर देते हैं। कुछ अनजाने में हुई गलतियों पर अत्यधिक दंड न देते हुए शनि देव उस दंड को सामान्य कर देते हैं। कहा जाता है कि यदि शनि देव किसी पर प्रसन्न हो जाएं तो उस व्यक्ति का भाग्य चमक उठता है। लेकिन वहीं शनि देव किसी पर क्रोधित हो जाएं तो वह व्यक्ति पल भर में राजा से रंक बन जाता है। इसी वजह से लोग हमेशा शनि देव से भयभीत रहते हैं।
इन लक्षणों से पहचानें शनि की स्थिति
प्राप्त जानकारी के अनुसार, घर में तेल, राई, दालें का नुकसान होने लगे या फैलने लगे, भोजन से बिना कारण अरुचि होने लगें, अलमारी हमेशा अव्यवस्थित होने लगे, परिवार में पिता से अनबन होने लगे, सिर और पिंडलियों में या कमर में दर्द बना रहे, चिड़चिड़ाहट होने लगे, शरीर में हमेशा थकान या पढ़ऩे-लिखने से या लोगों से मिलने से उकताहट होने लगे और आलस भरा रहे, नहाने-धोने से अरुचि हो, नए कपड़े खरीदने या पहनने का मौका न मिलना आदि स्थितियां शनि ग्रह की अशुभता की ओर इशारा करती हैं।
ऐसे करें शनिदेव को खुश
एक्सपर्ट्स की मानें तो शनि देव को कुछ आसान उपायों से प्रसन्न किया जा सकता है। कुंडली में शनि की साढ़े साती या ढैया की स्थिति और उसके अशुभ प्रभावों को कम करने के कुछ अचूक उपाय है। इन उपायों को शनिवार को करना चाहिए। यह उपाय जल्द ही शुभ फल देते हैं।
शनि के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए शनिवार को काली गाय की सेवा करनी चाहिए। गाय को पहली रोटी खिलाकर उसका सिंदूर का तिलक करें। इसके बाद काली गाय के सींग में मौली बांधकर उसे मोतीचूर के लड्डू खिलाएं। फिर गाय के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें।
शनिवार को बंदरों को भुने हुए चनें खिलाना चाहिए। काले कुत्ते को मीठी रोटी पर तेल लगाकर खाने को दें।
वट और पीपल वृक्ष के नीचे प्रत्येक शनिवार को सूर्योदय से पहले कड़वे तेल का दीपक जलाकर शुद्ध कच्चा दूध और धूप अर्पित करें।
अपने हाथ के नाप का 29 हाथ लंबा काला धागा लेकर शनिवार को उसको बंटकर माला की तरह गले में धारण करें।
शनि ढैया के प्रभाव को कम करने के लिए क्रवार की रात 8 सौ ग्राम काले तिल पानी में भिगोकर रख दें। फिर शनिवार की सुबह इन्हें पीसकर उसे गुड़ में मिला लें। फिर इन लड्डू को काले घोड़े को खिला दें। आठ शनिवार तक यह उपाय करने से इसके शुभ परिणाम देखने को मिलेंगे।
शनि की साढ़ेसाती झेल रहे व्यक्ति को शनिवार के दिन अंधेरा होने पर पीपल के पेड़ पर मीठा जल अर्पित करें। फिर सरसों के तेल का दीपक जलाकर वहीं पर हनुमान, भैरव और शनि चालीसा का पाठ करें। इसके बाद पीपल की सात बार परिक्रमा करें।
हर शनिवार के दिन हनुमान जी के दर्शन करें। इसके साथ ही शनिदेव को तेल चढ़ाकर दशरथकृत शनि स्त्रोत का पाठ करें।
शनिवार को करें ये अचूक उपाय
एक्सपर्ट के अनुसार, शनि देव को प्रसन्न करने का सबसे अचूक उपाय शनिवार के दिन मां काली की पूजा करना माना गया है। माता काली को शनि ग्रह को नियंत्रित करने वाली देवी माना गया है। शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए मां काली की शरण लेनी चाहिए। मां काली को प्रसन्न करने से शनि देव भी प्रसन्न हो जाते हैं। कुंडली में शनि देव की कृपा खराब होने पर भी यदि मां काली को प्रसन्न कर लिया जाए तो शनिदेव किसी भी व्यक्ति को अत्यधिक दंडित नहीं करते हैं।
अन्य उपाय
भोजन में दोनों समय काला नमक और काली मिर्च का प्रयोग करें
शनि की अशुभ दशा चलने पर मांस-मदिरा से दूरी बनाकर चलनी चाहिए।
घर के किसी अंधेरे हिस्से में लोहे की कटोरी में सरसों का तेल भरकर रख दें और कटोरी में तांबे का सिक्का डालकर रख दें।
दैनिक उपाय
रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करें।
सोलह सोमवार का व्रत करना चाहिए।
स्फटिक या पारद शिवलिंग पर रोजाना गाय का कच्चा दूध चढ़ाकर शुद्ध जल चढ़ाएं और ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।
प्रदोष व्रत करना चाहिए।
शनि ग्रह को शांत करने के लिए पीपल के पेड़ पर हर शनिवार को सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
घोड़े की नाल का छल्ला धारण करें।
हनुमानजी के सामने संकटमोचन का पाठ करें।
शनिवार को जरूर करें यह व्रत
शनिवार को सुबह जल्दी स्नान आदि कर शनिदेव की प्रतिमा की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। शनिवार के दिन शनि मंदिर में शनि देव को नीले लाजवंती के फूल, तिल, तेल, गुड़ अर्पित करें। शनि देव के नाम से दीपोत्सर्ग करें। फिर पूजा के दौरान जाने-अंजाने हुए पापों के लिए क्षमा मांगे। शनिदेव की पूजा के बाद राहु-केतु की भी पूजा करनी चाहिए। शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाकर उसकी सात बार परिक्रमा करनी चाहिए।
शनिवार की शाम को शनि मंदिर में दीप भेंट करना चाहिए। शनि महाराज को उड़द दाल में खिचड़ी बनाकर भोग लगाना चाहिए। काली चींटियों को गुड़ और आटा डालना चाहिए। शनिवार के दिन काले रंग के वस्त्र धारण करना चाहिए। पूरी श्रद्धा से व्रत करने से शनि का कोप शांत रहता है।
Apurva Srivastav
Next Story