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भगवान की भक्ति के दौरान व्यक्ति अपने आस-पास क्या हो रहा हैं वह भी भूल जाता हैं जो की उसकी आस्था को दर्शाता हैं। लेकिन भगवान की भक्ति और पूजा के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता होता हैं अन्यथा पूजा का पूरण फल नहीं मिल पाटा हैं। अक्सर देखा गया हैं की पूजा के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली चीजों की सही सार-संभाल नहीं हो पाती हैं और कई चीजों को जमीन पर रखना वर्जित माना गया हैं। तो आइये आज हम बताते हैं आपको कि ब्रह्मवैवर्तपुराण के अनुसार पूजन के दौरान कौन-कौन सी चीजें सीधे जमीन पर नहीं रखनी चाहिए।
- देवी-देवताओं की मूर्तियां भी कभी फर्श पर नहीं रखी जाती हैं। लकड़ी या सोने-चांदी के सिंहासन या बाजोट पर थोड़े से चावल रखकर उसके ऊपर देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित करनी चाहिए।
- देवी-देवताओं के वस्त्र और आभूषण जमीन पर नहीं रखे जाते हैं। भगवान को हमेशा पवित्र वस्त्र ही अर्पित करने चाहिए इसलिए वस्त्र और आभूषण को भी जमीन पर नहीं रखा जाता है।
- दीपक को कभी भी सीधे जमीन पर नहीं रखना चाहिए। दीपक के नीचे थोड़े से चावल रखने चाहिए या लकड़ी के बाजोट पर दीपक रखना चाहिए।
- पूजा में सुपारी को सिक्के के ऊपर रखना चाहिए। इसे भी कभी जमीन पर नहीं रखना चाहिए।
- शालिग्राम को भी जमीन पर न रखें। बल्कि इसे साफ रेशमी कपड़े पर रखना चाहिए।
- यदि आप पूजा में कोई मणि या रत्न रखना चाहते इसे भी किसी साफ कपड़े पर ही रखें।
- जनेऊ को साफ कपड़े पर रखना चाहिए, क्योंकि इसे देवताओं को मुख्य रूप से अर्पित किया जाता है।
- शंख को लकड़ी के फट्टे पर या साफ कपड़े पर रखा जाता है।
- फूल भी कभी जमीन पर न रखें इन्हें किसी पवित्र धातु या स्वच्छ पात्र में ही रखें।
- पानी का कलश जमीन के बजाय थाली में रखें।
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