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घर का पूजाघर या मंदिर बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण होता है। इसी से संपूर्ण घर संचालित होता है। पूजाघर का वास्तु के अनुसार होना जरूरी है। इसमें नियम अनुसार ही मूर्तियां, पूजा सामग्री या अन्य वस्तुएं रखना चाहिए। घर के मंदिर या पूजाघर में से हमारी बाताई 10 वस्तुएं रखी हैं तो इसे तुरंत हटाएं वर्ना नुकसान झेलना पड़ सकता है।
पूजाघर से तुरंत हटाएं ये वस्तुएं | Puja ghar se turant hataye ye vastu:
1. खंडित मूर्ति : यदि पूजाघर में खंडित मूर्ति या तस्वीर रखी है तो उसे तुरंट हटा दें। यह शुभ नहीं मानी जाती है। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास हो जाता है।
2. विषम संख्या में मूर्ति : यदि पूजाघर में गणेशजी का विषम संख्या में मूर्ति रखी है तो उसे भी तुरंत हटा दें। विषम संख्या में और ज्यादा मूर्ति रखने से बनते हुए काम बिगड़ जाते हैं।
3. रौद्र रूप की तस्वीर : किसी भी देवी या देवता की रौद्र रूप की तस्वीर घर में नहीं लगाना चाहिए या पूजाघर में नहीं रखना चाहिए। इसे अनिष्टकारी माना जाता है।
4. एक से ज्यादा शंख : कहते हैं कि एक से अधिक शंख भी नहीं रखना चाहिए। ज्यादा शंख अशुभ माने जाते हैं। खंहित शंख भी नहीं होना चाहिए। एक को हटाकर किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें।
5. कटी-फटी धार्मिक पुस्तकें : इसके अलावा कटी-फटी धार्मिक पुस्तकें भी नहीं रखनी चाहिए।
6. निर्माल्य : निर्माल्य में बासी फूल, हार या अनुपयोगी पूजा सामग्री आती है। इन्हें भी तुरंत हटा देना चाहिए क्योंकि इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
7. टूटे हुए चावल : घर के पूजाघर में कभी भी खंडित या टूटे हुए चावल न रखें। इसके साथ ही पूराने चावल भी न रखें। चावल को हल्दी में भिगोगर ही रखें।
8. पूर्वजों की तस्वीर : यदि आपने पूजाघर में अपने पूर्वजों या पितरों की तस्वीर रखी हैं तो उसे तुरंत हटा दें। वास्तु शास्त्र और ज्योतिष में मृत परिजनों की तस्वीर रखना अशुभ माना जाता है। इससे बुरे परिणाम प्राप्त होते हैं।
9. साधु-संतों के चित्र या मूर्ति : हिन्दू धर्म में सिर्फ देवताओं की पूजा का विधान है। पूजाघर में किसी साधु या संत की मूर्ति या चित्र न रखें। आप चाहें तो किसी दीवार पर इनके चित्र लगा सकते हैं।
10. मूर्ति रखने का विधान : घर में 2 शिवलिंग, 3 गणेश, 2 शंख, 2 सूर्य, 3 दुर्गा मूर्ति, 2 गोमती चक्र और 2 शालिग्राम की पूजा करने से गृहस्थ मनुष्य को अशांति होती है। इसी के साथ ही माता काली, शनिदेव और भैरवजी की मूर्ति भी नहीं रखते हैं। माता लक्ष्मी की खड़ी हुई मूर्ति भी नहीं रखना चाहिए।
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Apurva Srivastav
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