धर्म-अध्यात्म

खाना खाने के बाद कभी न करें ये कार्य, मां अन्नपूर्णा का होता है अपमान

Deepa Sahu
6 Feb 2021 2:59 AM GMT
खाना खाने के बाद कभी न करें ये कार्य, मां अन्नपूर्णा का होता है अपमान
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जीवन जीने के लिए अन्न बहुत आवश्यक होता है,

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: जीवन जीने के लिए अन्न बहुत आवश्यक होता है, इसलिए भूलकर भी कोई ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए कि जिससे अन्न का अपमान हो। जो लोग अन्न का अपमान करते हैं उनके घर में दरिद्रता आने लगती है। मां अन्न पूर्णा ऐसे लोगों से नाराज हो जाती हैं, जिसके कारण घर को भंडारे खाली हो जाते हैं, इसलिए भोजन करते या परोसते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। जाने अनजाने हम कुछ ऐसे कार्य कर देते हैं जिससे अन्न का अपमान होता है। हमारे बड़े बुजुर्ग भी इन कार्यों को करने से मना करते हैं। तो चलिए जानते हैं इस बारे में...

थाली में भूलकर भी न धोएं हाथ
कुछ लोगों की आदत होती है कि खाना खाने के बाद थाली में हाथ धो लेते हैं। यह आदत कतई सही नहीं होती है। भूलकर भी कभी खाने खाने के पश्चात थाली में हाथ नहीं धोने चाहिए। खाना खाने के पश्चात थाली में कुछ अन्न के कण बचे रहते हैं। मान्यता है कि जब कोई थाली में जूठे हाथ धोता है तो अन्न का निरादर होता है। इससे मां लक्ष्मी और मां अन्नपूर्णा नाराज होती हैं। जो लोगो ऐसा करते हैं उनके घर में अन्न और धन की कमी होने लगती है।थाली में न छोड़े जूठा खाना
जब लोग खाना खाते हैं तो अक्सर ज्यादा परोस लेते हैं, जिसकी वजह से खाने के बाद थाली में जूठा खाना बचा रह जाता है। थाली में जूठन छोड़ना अशुभ तो माना ही जाता है साथ ही इससे अन्न की बर्बादी भी होती है। शादी समारोह आदि में अक्सर यह देखने में आता है कि लोग खाने के बाद बहुत सारा खाना ऐसे ही छोड़ देते हैं। अन्न का अत्यधिक उपभोग व्यक्ति को दरिद्रता की ओर ले जाता है।
खाना परोसते समय इन बातों का रखें ध्यान
भारतीय संस्कृति में पहले भोजन की थाली रखने के लिए अलग से एक लकड़ी की पटरी होती थी। अब समय के साथ भोजन करने का तरीका भी बदल गया है। भोजन परोसते और किसी को देते समय थाली हमेशा चटाई, पाट या चौकट पर सम्मानपूर्वक रखना चाहिए।
भोजन की थाली को हमेशा सम्मान के साथ दोनों हाथों से पकड़ना चाहिए।
भोजन करते समय सबसे पहले अपने इष्ट देव, माता अन्नपूर्णा और ब्रह्म देव को प्रणाम करना चाहिए।
भोजन के समय ज्यादा बातचीत, क्रोध, अपशब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।


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