धर्म-अध्यात्म

न जिम से और न ही डॉक्टरी इलाज से, अब वजन घटाएं इन सरल ज्योतिषीय काज से

Tulsi Rao
28 April 2022 5:47 PM GMT
न जिम से और न ही डॉक्टरी इलाज से, अब वजन घटाएं इन सरल ज्योतिषीय काज से
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Jyotish Upay For Weight Loss: आजकल के खराब लाइफस्टाइल में जिस प्रॉब्लम ने सबसे ज्यादा लोगों को परेशान किया है वो है बढ़ता वजन और मोटापा. लोग अपने बढ़ते हुए पेट और चर्बी को कम करने के लिए दिन-रात खूब मेहनत कर रहे हैं. जिम, एक्सरसाइज और डॉक्टरी इलाज से लेकर सबकुछ आजमा रहे हैं. ऐसे में अगर आप जिम या डॉक्टरी इलाज नहीं करना चाहते या इन रास्तों से हार मान चुके हैं तो आज हम आपको कुछ ऐसे सरल ज्योतिषीय उपाय बताएंगे जिनसे आप आसानी से बिना ज्यादा खर्च किये मोटापा घटा सकते हैं.

ऐसी मान्यता है कि अमूक ग्रह को मजबूत करने से व्यक्ति को वजन घटाने में मदद मिलती है. ज्योतिषीयों का मानना है कि बृहस्पति ग्रह हमारे शरीर में वसा को नियंत्रित करने का काम करता है. किसी भी तरह की वृद्धि का कारक ग्रह बृहस्पति को माना गया है. ऐसी मान्यता है कि जब गुरु ग्रह पर कोई समस्या आती है, तो व्यक्ति को शारीरिक तौर पर कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. स्वस्थ जीवन के लिए कुंडली में गुरू ग्रह का मजबूत होना बेहद जरूरी है. आज हम आपको ऐसे ही उपायों को बताने जा रहे हैं, जिन्हें अपनाकर बृहस्पति को मजबूत किया जा सकता है.
वजन घटाने के लिए करें इस ग्रह को मजबूत
- मान्यता है कि नियमित रूप से गुरु यंत्र की पूजा करने से लाभ होता है. मनोकामना पूर्ति के लिए गुरु यंत्र को पूजा की जगह स्थापित करें.
- ज्योतिष अनुसार बृहस्पति को मजबूत करने के लिए पीले या सफेद पुखराज को सोने की अंगूठी में बनवाकर धारण करने से लाभ होता है. इसे तर्जनी उंगली में धारण करें.
- माना जाता है कि शिव सहस्रनाम स्तोत्र के जाप से भी बृहस्पति ग्रह मजबूत किया जा सकता है. इस स्तोत्र का जाप प्रातः काल शांत जगह पर बैठकर करना चाहिए.
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पीपल के पेड़ की जड़ को गले में ताबीज द्वारा या किसी कपड़े में सिलकर हाथ पर बांध लें. ऐसा करने से पहले किसी ज्योतिष की सालह लें और विधि विधान से पूजा के बाद ही धारण करें.
- मान्यता है कि बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करें.
- गुरुवार के दिन गुरु बीज मंत्र का जाप अवश्य करें. मंत्र- 'ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः' संभव हो तो नियमित रूप से करें. अन्यथा गुरुवार के दिन तो करना ही है.


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