- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- गुरुवार 7 अक्टूबर को...
धर्म-अध्यात्म
गुरुवार 7 अक्टूबर को शुरू हो रहा है नवरात्रि, जानिए माता रानी की पूजा में प्रयोग होने वाली सामग्री
Ritisha Jaiswal
5 Oct 2021 6:30 PM GMT
x
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | मां दुर्गा के 9 दिव्य रूपों की उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्रि को हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया गया है। नवरात्रि का त्योहार पूरे देश भर में मनाया जाता है। इस दौरान लोग उपवास रखते हैं और 9 दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होती है और महानवमी के दिन समाप्त होती है। उसके अगले दिन विजय दशमी या दशहरा का पर्व पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है।
इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत गुरुवार 7 अक्टूबर 2021 से हो रही है। इस बार तृतीया और चतुर्थी तिथि एक साथ पड़ रही है जिसके कारण नवरात्रि 8 दिनों की होगी। नवरात्रि व्रत का समापन 14 अक्टूबर को हो रहा है और 15 अक्टूबर को दशहरा मनाया जाएगा। आइए जानते हैं नवरात्रि की पूजा- विधि, मुहूर्त और सामग्री की पूरी लिस्ट के बारे में।
शुभ मुहूर्त
नवरात्रि में कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है। इस दौरान कलश स्थापना कर मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है। नवरात्रि के पहले ही दिन कलश स्थापना करके मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इस बार कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 17 मिनट से 7 बजकर 7 मिनट तक ही है। इस शुभ मुहूर्त में ही कलश स्थापित कर लेना अच्छा रहेगा।
नवरात्रि में माता रानी की पूजा में प्रयोग होने वाली सामग्री
माता रानी की पूजा करने के लिए आपको मां दुर्गा की फोटो, आरती की किताब, दीपक, फूल, पान, सुपारी, लाल झंडा, इलायची, बताशा, मिसरी, कपूर, उपले, फल, मिठाई, कलावा, मेवे, हवन के लिए आम की लकड़ी, जौ, वस्त्र, दर्पण, कंघी, कंगन-चूड़ी, सिंदूर, केसर, कपूर, हल्दी की गांठ और पिसी हुई हल्दी, पटरा, सुगंधित तेल, चौकी, आम के पत्ते, नारियल, दूर्वा, आसन, पंचमेवा, कमल गट्टा, लौंग, हवन कुंड, चौकी, रोली, मौली, पुष्पहार, बेलपत्र, दीपबत्ती, नैवेद्य, शहद, शक्कर, जायफल, लाल रंग की चुनरी, लाल चूड़ियां, कलश, साफ चावल, कुमकुम, मौली, माचिस और माता रानी के सोलह श्रृंगार के सामान की जरूरत पड़ेगी।
पूजा विधि
नवरात्रि के दिन सुबह उठकर साफ पानी से स्नान करें
कलश स्थापना के स्थान पर दीया जलाएं और दुर्गा मां को अर्घ्य दें
इसके बाद अक्षत और सिंदूर चढ़ाएं
लाल फूलों से मां को सजाएं और फल, मिठाई का भोग लगाएं
धूप, अगरबत्ती जलाकर दुर्गा चालीसा पढ़े और आखिरी में आरती करें
जानिए मां दुर्गा के किस रूप की करें किस दिन उपासना
7 अक्टूबर - मां शैलपुत्री की आराधना
8 अक्टूबर - मां ब्रह्मचारिणी की आराधना
9 अक्टूबर - मां चंद्रघंटा और मां कुष्मांडा की पूजा
10 अक्टूबर - मां स्कंदमाता की आराधना
11 अक्टूबर - मां कात्यायनी की आराधना
12 अक्टूबर - मां कालरात्रि की आराधना
13 अक्टूबर - मां महागौरी की पूजा
14 अक्टूबर - मां सिद्धिरात्रि की पूजा
15 अक्टूबर - दशहरा
TagsNavratri
Ritisha Jaiswal
Next Story