धर्म-अध्यात्म

Navratri 2nd Day 2022: नवरात्रि के दूसरे दिन होगी मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, जानें विधि

Tulsi Rao
26 Sep 2022 12:15 PM GMT
Navratri 2nd Day 2022: नवरात्रि के दूसरे दिन होगी मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, जानें विधि
x

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Navratri 2nd Day Puja: हिंदू धर्म में नवरात्रि बहुत धूमधाम के साथ मनाए जाते हैं. इन 9 दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा को समर्पित है. इस दिन पूजा के बाद व्रत कथा, मंत्र, आरती करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों पर कृपा बरसाती हैं. 27 सितंबर को मां दु्र्गा के ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा की जाएगी. ज्योतिष अनुसार मां ब्रह्मचारिणी की आराधना से व्यक्ति में तप, शक्ति, त्याग, सदाचार, संयम और वैराग्य में वृद्धि होती है. साथ ही, शत्रुओं को पराजित करने में सफल होते हैं. आइए जानें इस दिन मां ब्रह्मचारिणी का शुभ रंग और कथा के बारे में.

मां ब्रह्मचारिणी व्रत कथा
मां ब्रह्मचारिणी पिछले जन्म में पर्वतराज हिमालय की पुत्री थीं. भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए मां ब्रह्मचारिणी ने कठोर तपस्या की थी. पुराणिक कथाओं के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी ने एक हजार वर्षों तक फल-फूल खाए और जमीन पर रहकर ही शाक पर निर्वाह किया. इसके बाद मां ने कठिन व्रथ रखे और खुले आसमान के नीचे धूप और बारिश को बर्दाश्त किया.
शास्त्रों के अनुसार मां ने इस दौरान टूटे हुए बिल्व पत्र खाए और भगवान शिव की लगातार आराधना करती रहीं. मां की इतनी तपस्या से भी भोलेनाथ प्रसन्न नहीं हुए, तो उन्होंने बिल्व पत्र भी खाना छोड़ दिए. मां के पत्ते खाने छोड़ने पर उनका नाम अपर्णा पड़ गया. मां ब्रह्मचारिणी ने कई हजार सालों तक निर्जल और निराहार रह कर तपस्या की. इस दौरान वे काफी कमजोर हो गईं. मां को इतनी कठिन तपस्या करते देख सभी देवता, ऋषि, सिद्धगण, मुनि आदि ने उनकी सराहना की और उन्हें मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद दिया.
मां ब्रह्मचारिणी की प्रिय वस्तु
मां ब्रह्मचारिणी को गुड़हल, कमल के सफेद और सुगंधित फूल बेहद प्रिय हैं. ऐसे में नवरात्रि के दूसरे दिन उन्हें उनके प्रिय फूल अर्पित करें. बता दें कि मां ब्रह्मचारिणी को सफेद रंग बेहद प्रिय है.
मां ब्रह्मचारिणी का भोग
मां दुर्गा को दूसरे दिन चीनी का भोग लगाएं. इससे दीर्घायु का आशीष मिलता है. इतना ही नहीं, दूध या दूध से बनी चीजें भी अर्पित कर सकते हैं.
मंत्र-
श्लोक-
दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलु| देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ||
ध्यान मंत्र-
वन्दे वांछित लाभायचन्द्रार्घकृतशेखराम्।
जपमालाकमण्डलु धराब्रह्मचारिणी शुभाम्॥
Next Story