धर्म-अध्यात्म

Navratri 2021: नवरात्रि में माँ दुर्गा के इन 5 प्रसिद्ध मंदिरों का करें दर्शन, मिलेगा सुख-शांति एवं समृद्धि

Deepa Sahu
21 Sep 2021 3:28 PM GMT
Navratri 2021: नवरात्रि में माँ दुर्गा के इन 5 प्रसिद्ध मंदिरों का करें दर्शन, मिलेगा सुख-शांति एवं समृद्धि
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माता भक्तों के लिए नवरात्रि का त्यौहार विशेष महत्व रखता है.

माता भक्तों के लिए नवरात्रि का त्यौहार विशेष महत्व रखता है. कहते हैं इन नौ दिनों में मां की सच्चे मन से आराधना करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. इस साल नवरात्रि (Navratri) की शुरुआत 07 अक्टूबर से होने जा रही है जो 15 अक्टूबर तक चलेगी. इन नौ दिनों में श्रध्दालु नौ दिनों तक उपवास भी रखते हैं और माता के दर्शनों के लिए मंदिरों में (Mata Temples) जाकर सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना करते हैं. हम आपको देश के कुछ प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें काफी चमत्कारी माना जाता है.

नैना देवी मंदिर, बिलासपुर – नैना देवी का मंदिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में स्थित है. यहां मां नैना देवी की मूर्ति स्थापित की गई है. जिसे 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. मान्यता है कि यही वजह जगह है जहां पर माता सती की आंख गिरी थी, इसी वजह से मां का नाम नैना देवी पड़ा.
कामाख्या मंदिर, गुवाहाटी – यह मंदिर भी 51 शक्तिपीठों में गिना जाता है. यह असम के गुवाहाटी शहर की नीलांचल पहाड़ियों पर स्थित है. इस मंदिर में मां कामाख्या का वास है. यह बहुत सिद्ध शक्तिपीठ माना जाता है. यही वजह है कि यहां तांत्रिक क्रियाओं का प्रयोग सीखने कई तांत्रिक पहुंचते हैं. यहां नवरात्रि में दुर्गा पूजा पर लगने वाला अंबुबाछी मेला काफी प्रसिद्ध है.
दक्षिणेश्वर काली मंदिर, कोलकाता – यह काली माता का सबसे ज्यादा प्रसिद्ध मंदिर है. यह पश्चिम बंगाल के कोलकाता के नजदीक दक्षिणेश्वर में हुगली नदी के किनारे बना है. यहां मां भवतारिणी की मूर्ति है जो मां काली का रुप है.माता ज्वाला देवी मंदिर, कांगड़ा – जैसा की नाम से ही पता लगता है, इस मंदिर में हमेशा आग की लपटे निकलती रहती हैं. यह माता शक्ति के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित है.
करणी माता मंदिर – करणी माता का मंदिर राजस्थान के देशनोक में स्थित है. करणी माता को मां दुर्गा का एक अवतार माना जाता है. यह मंदिर हजारों चूहों के एकत्रित होने की वजह से भी काफी प्रसिद्ध है. यही वजह है कि इसे 'चूहों का मंदिर' भी कहा जाता है.
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