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- नरसिंह जयंती आज, जानिए...
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नरसिंह जयंती मनाई जाती है। आज के दिन भगवान विष्णु ने अपने परम भक्त प्रहलाद को राक्षस राज हिरण्यकश्यप से बचाने के लिए नरसिंह का अवतार लिया था। उन्होंने इस अवतार में दानव का वध कर धर्म की स्थापना की थी। जानिए नरसिंह जयंती का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व।
नरसिंह जयंती 2022 की तिथि और मुहूर्त
नरसिंह जयंती के दिन शाम के समय पूजा की जाती है। इसके पीछे का कारण है कि राक्षस हिरण्यकश्यप को वरदान था कि उसे किसी भी प्रहर, जमीन, हवा,आकाश, आग और कोई भी इंसान, देवी-देवता, पशु-पक्षी नहीं मार सकता है। इसलिए भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाद को बचाने के लिए नरसिंह अवतार लिया और वह एक खंभे को फाड़ के निकले। इसके साथ ही उन्होंने दहलीज में अपनी जांघों में हिरण्यकश्यप को रखकर वध किया था। इसके साथ ही वध करने के लिए दिन के ढलने और शाम के प्रारंभ के मध्य का समय चुना था। इस कारण शाम के समय भगवान नरसिंह की पूजा करना शुभ माना जाता है।
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 14 मई 2022, शनिवार दोपहर 3 बजकर 23 मिनट तक
चतुर्दशी तिथि समाप्त: 15 मई 2022, रविवार दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक
मध्याह्न संकल्प का शुभ समय: सुबह 10 बजकर 57 मिनट से दोपहर 01 बजकर 40 मिनट तक
सायंकाल पूजा समय: शाम 04 बजकर 22 मिनट से 07 बजकर 05 मिनट तक
नरसिंह जयंती 2022 की पूजा विधि
आज दिनभर श्री हरि के अवतार नरसिंह भगवान का ध्यान करें। वहीं पूजा के लिए एक चौकी में पीले रंग का कपड़ा बिछाकर तस्वीर या फिर मूर्ति स्थापित कर दें। इसके बाद शंख या फिर लोटे के माध्यम से जलाभिषेक करें। इसके बाद श्री हरि के अवतार को फूल, माला, पीला चंदन, अक्षत आदि चढ़ा दें। इसके बाद नारियल, केसर, फलों और मिठाई का भोग लगा दें। फिर घी का दीपक और धूप जलाकर भगवान का ध्यान करते हुए मंत्रों का जाप करें। इसके साथ ही सूर्योदय से लेकर दूसरे दिन सूर्योदय तक बिना अन्न खाएं व्रत रखें।
नरसिंह जयंती का धार्मिक महत्व
नरसिंह जयंती हिंदू धर्म के पवित्र व्रतों में से एक है। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु ने धर्म की रक्षा के लिए नरसिंह अवतार लिया था। इसलिए माना जाता है कि आज के दिन विधि-विधान से भगवान नरसिंह की पूजा करने से सभी कष्टों से छुटकारा मिल जाता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।