धर्म-अध्यात्म

दारु का असुर की वजह से बना नागेश्वर धाम, मंदिर में स्थापित है शिव जी की 80 फीट ऊंची प्रतिमा

HARRY
25 Aug 2023 11:27 AM GMT
दारु का असुर की वजह से बना नागेश्वर धाम, मंदिर में स्थापित है शिव जी की 80 फीट ऊंची प्रतिमा
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नागेश्वर मंदिर : गुजरात में श्रीकृष्ण की द्वारका से करीब 20 किमी दूर शिव जी का दसवां ज्योतिर्लिंग नागेश्वर स्थित है। जो श्रद्धालु द्वारका आते हैं, वे नागेश्वर मंदिर भी जरूर पहुंचते हैं। मान्यता है कि यहां दर्शन और पूजन करने से भक्तों की कुंडली में कालसर्प, सर्प दोष जैसे अशुभ योगों का असर कम होता है। मंदिर में भक्त नाग-नागिन के मूर्तियां भी अर्पित करते हैं।शिवपुराण की रुद्र संहिता में शिव जी को नागेशं दारुकावने कहा गया है। नागेश्वर का अर्थ है नागों के ईश्वर। मंदिर की मान्यताएं पांडवों से भी जुड़ी हैं। माना जाता है कि इस क्षेत्र में शिव जी ने दारुक नाम के दैत्य का वध किया था।ये है दारुका असुर की कथा पुराने समय में दारुका नाम का एक असुर था। वह शिव भक्तों को प्रताड़ित करता था। एक शिव भक्त था, उसका नाम था सुप्रिय। सुप्रिय शिवलिंग बना कर पूजा कर रहा था, उस समय दारुका उसे मारना चाहता था, लेकिन शिव जी वहां प्रकट हुए और उन्होंने अपने भक्त को असुर से बचा लिया। शिव जी ने दारुका का वध कर दिया। इसके बाद भक्तों और अन्य देवी-देवताओं ने शिव जी से यहीं वास करने की प्रार्थना की थी। भक्तों की प्रार्थना सुनकर शिव जी यहां ज्योति रूप में विराजित हो गए। शिव जी भक्तों से कहा था कि ये ज्योतिर्लिंग नागेश्वर के नाम से प्रसिद्ध होगा।

एक अन्य मान्यता के मुताबिक यहां शिव जी और देवी पार्वती नाग रूप में प्रकट हुए थे। इस वजह से भी इसे नागेश्वर ज्योतिर्लिंग कहा जाता है। मंदिर की मान्यताएं पांडवों से भी जुड़ी हैं। महाभारत काल में जब पांडव वनवास काट रहे थे। तब वे इस क्षेत्र में भी आए थे। उस समय भीम यहां देखा कि एक गाय एक तालाब में दूध दे रही है। ये बात भीम को हैरान करने वाली लगी।

भीम तालाब में उतरकर उस जगह पहुंचे तो वहां एक शिवलिंग देखा। इसके बाद भीम और अन्य पांडवों ने तालाब का पानी खाली किया और शिवलिंग की पूजा-अर्चना की। बाद में श्रीकृष्ण ने पांडवों को बताया था कि ये शिवलिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक नागेश्वर है। नागेश्वर मंदिर में स्थित है शिव जी की 80 फीट ऊंची प्रतिमा मंदिर में भगवान शिव की पद्मासन मुद्रा की करीब 80 फीट ऊंची प्रतिमा है। सावन में नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा-अर्चना करने से भक्तों के दूर होते हैं और कुंडली के दोष शांत होते हैं। ज्योतिर्लिंग पर एक नाग की आकृति भी बनी हुई है। कैसे पहुंचे नागेश्वर इस ज्योतिर्लिंग का करीबी एयरपोर्ट पोरबंदर है। यहां से मंदिर करीब 125 दूर है। नागेश्वर का करीबी रेलवे स्टेशन द्वारका है। द्वारका से मंदिर करीब 20 किमी दूर है। पोरबंदर और द्वारका से नागेश्वर मंदिर तक आने के लिए बसें, टैक्सी आसानी से मिल जाती हैं।

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