धर्म-अध्यात्म

बेहद शुभ संयोग में मनाया जाएगा नाग पंचमी, नोट करें डेट, शुभ मुहूर्त व पूजा विधि-

Renuka Sahu
3 July 2022 1:22 AM GMT
Nag Panchami will be celebrated in a very auspicious coincidence, note the date, auspicious time and worship method-
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फाइल फोटो 

हिंदू धर्म में सावन महीने में पड़ने वाले त्योहारों का विशेष महत्व होता है। सावन महीने में नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में सावन महीने में पड़ने वाले त्योहारों का विशेष महत्व होता है। सावन महीने में नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। भगवान शंकर को समर्पित इस त्योहार को हिंदू धर्म में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस पावन दिन विधि- विधान से नाग देवता की पूजा- अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नागों को भी देवता के रूप में पूजा जाता है। नाग भगवान शिव को भी बहुत अधिक प्रिय होते हैं। इस पावन दिन नाग देवता की पूजा करने से भगवान शंकर भी प्रसन्न होते हैं। जानिए नाग पंचमी की डेट, शुभ मुहूर्त व पूजा विधि-

नाग पंचमी 2022 कब है?
इस साल नाग पंचमी 2 अगस्त 2022 को है।
नाग पंचमी 2022 शुभ मुहूर्त-
हिंदू पंचांग के अनुसार, पंचमी तिथि 2 अगस्त को सुबह 05 बजकर 14 मिनट से प्रारंभ होगी, जो कि 3 अगस्त को सुबह 05 बजकर 42 मिनट तक रहेगी। नाग पंचमी पूजा मुहूर्त 02 अगस्त को सुबह 05 बजकर 24 मिनट से सुबह 08 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। मुहूर्त की अवधि 02 घंटे 41 मिनट तक रहेगी।
नाग पंचमी का महत्व
इस दिन नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोषों से मुक्ति मिल जाती है।
नाग देवता को घर का रक्षक भी माना जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि भी आती है।
नाग पंचमी पूजा- विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
स्नान के पश्चात घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
इस पावन दिन शिवलिंग पर जल जरूर अर्पित करें।
नाग देवता का अभिषेक करें।
नाग देवता को दूध का भोग लगाएं।
भगवान शंकर, माता पार्वती और भगवान गणेश को भी भोग लगाएं।
नाग देवता की आरती करें।
नाग पंचमी पूजा सामग्री-
नाग देवता की प्रतिमा या फोटो, दूध, पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि।
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