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Nag Panchami 2024 Puja Vidhi: सिद्ध योग में आई नाग पंचमी, जानिए पूजा विधि

Bharti Sahu 2
9 Aug 2024 1:49 AM GMT
Nag Panchami 2024 Puja Vidhi: सिद्ध योग में आई नाग पंचमी, जानिए पूजा विधि
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Nag Panchami 2024 Puja Vidhi: सनातन धर्म में नागों को देवता कहा गया है। सिर्फ हिंदू ही नहीं बल्कि विश्व की अनेक सभ्यताओं में नागों को पूजने की परंपरा रही है। वास्तव में नाग हमारे रक्षक भी कहे गए हैं। इसलिए श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नाग पंचमी मनाई जाती है और उनसे सुख-समृद्धि, अच्छे स्वास्थ्य और सर्वत्र रक्षा की कामना की जाती है। नागों को पूजने के पीछे उद्देश्य यही है कि वे हमें हानि न पहुंचाएं और हमारी रक्षा करें। इस बार नाग पंचमी 9 अगस्त 2024 शुक्रवार को आ रही है। इस दिन सिद्ध योग भी है। नाग पंचमी के दिन अनेक उपाय किए जाते हैं जिनसे कुंडली के बुरे दोष दूर होते हैं। जिन लोगों के जन्मांग चक्र में नाग दोष, सर्प दोष, कालसर्प दोष आदि होते हैं उन्हें विशेष रूप से नागपंचमी पर उपाय करने चाहिए। सिद्ध योग में आने के कारण इस नाग पंचमी का विशेष महत्व है।
कालसर्प दोष का निवारण नाग पंचमी कालसर्प दोष का निवारण करने का सर्वश्रेष्ठ दिन होता है। इस दिन नासिक त्रयंबकेश्वर, उज्जैन महाकाल, गरुड़ चट्टी बद्रीनाथ आदि स्थानों पर कालसर्प दोष निवारण पूजा करवाना चाहिए। कालसर्प दोष 12 प्रकार के होते हैं और सभी के नाम किसी न किसी सर्प के नाम पर होता है। इसलिए आपकी कुंडली में कौन सा कालसर्प दोष है उसके अनुसार ही पूजन करवाना चाहिए। कालसर्प दोष का जब तक निवारण नहीं होता मनुष्य परिवार में, आर्थिक रूप से, स्वास्थ्य की ओर से हमेशा परेशान ही रहता है। इसलिए इस दिन दोष निवारण पूजा करवाना चाहिए। यदि आप इन स्थानों पर नहीं जा पा रहे हैं तो नागपंचमी के दिन किसी ऐसे शिवलिंग पर अष्टधातु का सर्प लगवाएं जिस पर पहले से सर्प लगा हुआ नहीं है। नाग दोष और विष दोष का निवारण नाग दोष या विष दोष का निवारण भी नाग पंचमी के दिन किया जाता है। जब जन्मकुंडली में शनि और चंद्र एक साथ किसी घर में बैठे हों तो विष दोष बनता है। इस दोष के निवारण के लिए अपने नाम से संकल्प लेकर किसी शिव मंदिर में नाग सहित शिवजी का अभिषेक महामृत्युंजय मंत्र से करना चाहिए। अभिषेक कच्चे दूध से किया जा सकता है। इसके बाद शिवजी को अभिषेक के मंत्रों का दशांश संख्या में बिल्व पत्र चढ़ाना चाहिए। नाग पंचमी पूजन कैसे करें आजकल शासन-प्रशासन ने असली नाग की पूजा करना प्रतिबंधित कर दिया है इसलिए नागपंचमी के दिन आप नाग देवता के चित्र या मूर्ति का पूजन कर सकते हैं। विभिन्न उपचारों से पूजन करने के बाद नाग देवता को दूध का नैवेद्य लगाएं। इसके बाद ध्यान रखें इस प्रसाद को स्वयं ग्रहण न करें और न ही इसका वितरण किसी को करें। इस प्रसाद को किसी नदी, तालाब, कुएं के जल में प्रवाहित कर दें या किसी के पैरों में न आए ऐसी जगह पेड़ों की जड़ में विसर्जित कर दें।
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