धर्म-अध्यात्म

पौराणिक कथा भगवान शिव ने मां अन्नपूर्णा से ली थी अन्न की भिक्षा

Rani Sahu
18 Dec 2021 12:34 PM GMT
पौराणिक कथा भगवान शिव ने मां अन्नपूर्णा से ली थी अन्न की भिक्षा
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मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा को मां भगवती के अन्नपूर्णा स्वरूप की पूजा का विधान है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा को मां भगवती के अन्नपूर्णा स्वरूप की पूजा का विधान है. मान्यता है कि दुनिया में समस्त प्राणियों को भोजन मां अन्नपूर्णा के आशीर्वाद से ही मिलता है. जो भी भक्त अन्नपूर्णा जयंती के दिन सच्चे दिल से व्रत रखता है और विधि-विधान से पूजा करता है, उनके घर में कभी भी खाने-पीने की कोई कमी नहीं रहती और उनका घर हमेशा सुख संपत्ति से भरा रहता है. पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार पृथ्वी पर मानवजाति का जीवन बचाने के लिए शिव जी ने भी मां अन्नपूर्णा से अन्न की भिक्षा ली थी. यहां पढ़ें पौराणिक कथा, जानें मां अन्नपूर्णा की किस विधि से करनी है पूजा?

पौराणिक कथा (Annapurna Jayanti 2021 Katha)
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार पृथ्वी पर सूखा पड़ गया. जमीन बंजर हो गई. फसलें, फलों आदि की पैदावार ना होने से जीवन का संकट आ गया. तब भगवान शिव ने पृथ्वीवासियों के कल्याण के लिए भिक्षुक का स्वरूप धारण किया और माता पार्वती ने मां अन्नपूर्णा का अवतार लिया. इसके बाद भगवान शिव ने मां अन्नपूर्णा से भिक्षा में अन्न मांगा. इस अन्न को लेकर भगवान शिव पृथ्वी लोक पर गए और सभी प्राणियों में इसे बांट दिया. इसके बाद धरती पर एक बार फिर से धन-धान्य हो गया. इसी के बाद से ही मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि को अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाने के विधान की शुरुआत हुई.
अन्नपूर्णा जयंती पूजन विधि (Annapurna Jayanti 2021 Puja vidhi)
इस दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद रसोई घर की साफ सफाई करें. इसके बाद गंगा जल से पूरे घर को और रसोई घर को पवित्र कर लें. गैस, चूल्हे आदि की पूजा करें और मां अन्नपूर्णा की आराधना करें. इस दिन भोजन बनाने वाले चूल्हे को हल्दी, कुमकुम, चावल, पुष्प, धूप और दीपक से पूजन करें. रसोई घर में ही माता पार्वती और भगवान शिव की कोई मूर्ति या तस्वीर लाकर पूजा करें. इस दौरान भगवान शिव और मां अन्नपूर्णा से कामना करें कि आपके घर में कभी भी अन्न की कोई कमी ना रहे.
अन्नपूर्णा जयंती के दिन जरूर करें ये काम
इस दिन खासकर हमें अन्न का अनादर नहीं करना चाहिए. इसके अलावा ऐसी मान्यता है कि इस दिन रसोईघर, गैस, चूल्हे, आदि का पूजन करने से घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती और घर पर हमेशा अन्नपूर्णा देवी की कृपा बनी रहती है. अन्नपूर्णा जयंती के दिन मां अन्नपूर्णा की पूजा की जाती है और इस दिन खासकर दान पुण्य का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन घर की महिलाएं चूल्हे पर चावल और मिठाई का प्रसाद बना कर घी का दीपक जलाती हैं. अन्नपूर्णा जयंती के दिन बिना नमक का भोजन ग्रहण करना चाहिए

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