धर्म-अध्यात्म

रहस्यमयी है कान्हा की मुरली, जानें इससे जुड़ी चीजों का धार्मिक महत्व

Gulabi
23 Aug 2021 9:24 AM GMT
रहस्यमयी है कान्हा की मुरली, जानें इससे जुड़ी चीजों का धार्मिक महत्व
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रहस्यमयी है कान्हा की मुरली

भगवान कृष्ण 64 कलाओं के स्वामी हैं. जिनकी साधना-आराधना करने पर जीवन से जुड़े सभी पापों से मुक्ति मिलती है और सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है. भगवान कृष्ण ने जिस तरह द्रौपदी की लाज बचाई थी, कुछ वैसे ही अपने भक्तों की एक आवाज में उसे सभी संकटों से बचाने के लिए चले आते हैं. भगवान कृष्ण की साधना करने वाला साधक जीवन के सभी सुखों को भोगता हुआ अंत में बैकुंठ लोक को प्राप्त होता है. किसी भी मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण का दर्शन करते समय आपने दो चीजें हमेशा साथ में देखी होंगी. सिर पर मोरपंख और हाथों में बांसुरी. आइए जानते हैं कि भगवान कृष्ण से जुड़ी मुरली, मोरपंख समेत अन्य चीजों का धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्व है.

मुरलीधर की मुरली
भगवान कृष्ण के साथ हमेशा दिखने वाली मुरली की बात करें तो यह हमें तमाम तरह की सीख देती है. मुरली या फिर कहें बांसुरी से हमें सबसे बड़ी सीख मीठा बोलने की मिलती है. किसी भी बांसुरी में कोई गांठ नहीं होती है, जो इस बात की सीख देती है कि अपने भीतर किसी भी प्रकार की गांठ मत रखो. दूसरों के प्रति बदलने की भावना नहीं रखो. साथ ही बांसुरी के साथ खासियत होती है कि यह बगैर बजाये नहीं बजती है. यानि जब तक ना कहा जाए तब तक मत बोलो. मुरली जब भी बजती है मधुर ही बजती है. यानि जब किसी से भी बोलो तो मीठा ही बोलो.
मुकुट में मोर पंख
भगवान श्री कृष्ण के मुकुट में हमेशा आपको मोर पंख देखने को मिलेगा. भगवान कृष्ण को गाय और मोर से काफी लगाव था. यही कारण है कि वे हमेशा अपने मुकुट में मोर पंख लगाया करते थे. हालांकि ज्योतिषविदों का मानना है कि उनकी कुंडली में कालसर्प दोष था, जिसके अशुभ प्रभाव से बचने के लिए वे हमेशा मोरपंख को धारण किया करते थे. वहीं आध्यात्मिक कारण देखें तो मोर को ब्रह्मचर्य युक्त प्राणी समझा जाता है. भगवान कृष्ण भी प्रेम में ब्रह्मचर्य की महान भावना को समाहित करते हुए प्रतीक स्वरूप मोर पंख धारण किया करते थे.
मिसरी सी मिठास
सांसारिक और आध्यात्मिक जीवन किस प्रकार जिया जाए इसका सरल उदाहरण मिसरी है. मिसरी हमें लोगों के जीवन में मिठास घोलने के साथ-साथ लोगों में घुल-मिल जाने की सीख देती है. मिसरी का महत्त्वपूर्ण गुण यह है कि जब इसे माखन में मिलाया जाता है, तो उसकी मिठास माखन के कण-कण में घुल जाती है. मिसरी युक्त माखन जीवन और व्यवहार में प्रेम को अपनाने का संदेश देता है.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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