धर्म-अध्यात्म

आज कामिका एकादशी पर जरूर पढ़ें यह व्रत कथा

Subhi
4 Aug 2021 3:03 AM GMT
आज कामिका एकादशी पर जरूर पढ़ें यह व्रत कथा
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हिंदी पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह में दो एकादशी पड़ते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मास के दोनों पक्षों के 11वीं तिथि को एकादशी के नाम से जाना जाता है।

हिंदी पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह में दो एकादशी पड़ते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मास के दोनों पक्षों के 11वीं तिथि को एकादशी के नाम से जाना जाता है। सावन मास के कृष्ण पक्ष 11वीं तिथि को कामिका एकादशी कहते हैं। इस एकादशी को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस बार सावन कामिका एकादशी व्रत 4 अगस्त बुधवार को पड़ रहा है। इस व्रत में भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस व्रत का सच्चे मन से पालन करने पर व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। सावन मास में पड़ने वाले कामिका एकादशी की कथा का विस्तार से वर्णन करेंगे।

कामिका एकादशी कथा

एक पौराणिक कथा के अनुसार, बहुत समय पहले एक गांव में पहलवान रहता था। पहलवान नेक दिल का आदमी था लेकिन उसका स्वभाव बहुत क्रोध करने वाला था। इसी वजह से आए दिन उससे किसी न किसी की बहस हो जाती थी। एक दिन पहलवान ने एक ब्राह्मण से झगड़ा कर लिया। उसके ऊपर क्रोध इतना हावी हो गया कि उसने ब्राह्मण की हत्या कर दी। जिसकी वजह से उस पर ब्राह्मण हत्या का दोष लग गया।

इस दोष से बचने और पश्चाताप के लिए वह ब्राह्मण के दाह संस्कार में शामिल होने गया। लेकिन पंडितों ने उसे वहां से भगा दिया। पंडितों ने ब्रह्माण की हत्या का दोषी मानकर पहलवान का समाजिक बहिष्कार कर दिया। ब्राह्मणों ने पहलवान के यहां सभी धार्मिक कार्य करने से मना कर दिया।

सामाजिक बहिष्कार से परेशान होकर पहलवान ने एक साधु से पूछा कि वह कैसे इस दोष से मुक्त हो सकता है। इस पाप से बचने का उपाय जानना चाहा। साधु ने पहलवान को कामिका एकादशी का व्रत करने की सलाह दी। साधु के कहने पर पहलवान ने कामिका एकादशी व्रत का विधि विधान से पालन किया। एक दिन रात पहलवान भगवान विष्णु जी मूर्ति के पास सो रहा था। उसे नींद में भगवान विष्णु के दर्शन हुए और उसने सपने में देखा कि भगवन उसे ब्राह्मण हत्या के दोष से मुक्त कर दिया है। उसी दिन से कामिका एकादशी व्रत रखने का प्रचलन हो गया।



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