धर्म-अध्यात्म

गंगा सप्तमी के दिन जरूर पढें ये 12 लाइनें, वरना रह जाएगी पूजा अधूरी

Rani Sahu
6 May 2022 6:33 PM GMT
गंगा सप्तमी के दिन जरूर पढें ये 12 लाइनें, वरना रह जाएगी पूजा अधूरी
x
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी गंगा सप्तमी कहलाती है

Ganga Saptami 2022: वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी गंगा सप्तमी कहलाती है. जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है, ये दिन माता गंगा को समर्पित है. माता गंगा के पृथ्वी पर आने से पहले सबसे बड़ी चिंता इस बात की थी कि पृथ्वी कैसे मां गंगा का वेग संभाल पाएंगी. ऐसे में भगीरथ में तप कर भगवान शंकर को प्रसन्न किया और उनसे गंगा को अपनी जटाओं में लेने के लिए कहा. यह दिन मां गंगा के भक्तों के लिए बेहद ही खुश और खास होता है. इस दिन माता गंगा की पूजा कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है. ऐसे में बता दें कि हर पूजा आरती के बिना अधूरी है. गंगा सप्तमी पर माता गंगा की पूजा के बाद गंगा आरती जरूर पढ़ें. आज का हमारा लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि गंगा आरती की लाइनें क्या हैं.

गंगा सप्तमी पर पढ़ें आरती
हर हर गंगे, जय मां गंगे, हर हर गंगे, जय मां गंगे
ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥

चंद्र सी जोत तुम्हारी, जल निर्मल आता ।
शरण पडें जो तेरी, सो नर तर जाता ॥
॥ ओम जय गंगे माता..॥

पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता ।
कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता ॥
॥ ओम जय गंगे माता..॥

एक ही बार जो तेरी, शारणागति आता ।
यम की त्रास मिटा कर, परमगति पाता ॥
॥ ओम जय गंगे माता..॥

आरती मात तुम्हारी, जो जन नित्य गाता ।
दास वही सहज में, मुक्त्ति को पाता ॥
॥ ओम जय गंगे माता..॥

ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥
ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।


Rani Sahu

Rani Sahu

    Next Story