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सनातन धर्म चातुमार्स का खास महत्व होता हैं जो कि देवी देवताओं को आराधना उपासना को समर्पित किया गया हैं। चातुर्मास पूरे चार महीनो का होता हैं जिसमें ईश्वर भक्ति करने से साधक को उत्तम फलों की प्राप्ति होती हैं चातुर्मास का आरंभ आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से हो जाता हैं इस दौरान सभी मांगलिक कार्यों जैसे शादी विवाह, मुंडन, गृहप्रवेश आदि पर विराम लग जाता हैं।
इन चार महीनों में ईश्वर भक्ति करना लाभकारी होता हैं चातुर्मास के चार महीने श्रावण, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक को माना गया हैं। लेकिन इस वर्ष अधिक मास होने के कारण चातुर्मास चार नहीं बल्कि पांच महीनों का होगा। इस दौरान पूजा पाठ और व्रत आदि करने के अलावा अगर कुछ विशेष कार्यों व उपायों को किया जाए तो साधक को देवी देवताओं की कृपा मिलती हैं साथ ही जीवन की समस्याओं का समाधान हो जाता हैं, तो आज हम आपको बता रहे हैं कि चातुर्मास में क्या करना उत्तम होगा।
चातुर्मास के दिनों में करें ये काम—
आपको बता दें कि चातुर्मास में देवी देवताओं की पूजा करना उत्तम माना जाता हैं ऐसे में इन चार महीनों में माता लक्ष्मी और भगवान शिव शंकर की विधिवत पूजा जरूर करें ऐसा करने से भगवान की कृपा बरसती हैं। वही इसके अलावा चातुर्मास के दिनों में धन, वस्त्र, छाता, चप्पल और अन्न का दान गरीबों व जरूरतमंदों को करने से नौकरी व कारोबार में आने वाली समस्याओं का समाधान हो जाता हैं और व्यक्ति खूब तेजी से तरक्की करता हैं।
अगर आप लंबे वक्त से धन संकट झेल रहे हैं तो ऐसे में इन चार महीनों में अन्न का दान गरीबों और जरूरतमंदों को करें। आप चाहे तो गोदान भी कर सकते हैं ऐसा करने से लक्ष्मी कृपा बनी रहती हैं जिससे धन संकट दूर हो जाता हैं। वही सावन के महीने में शिव साधना करना उत्तम माना जाता हैं लेकिन इसी के साथ ही अगर भगवान भोलेनाथ के मंत्रों का जाप किया जाए तो सभी ग्रहदोषों से मुक्ति मिलती हैं और आत्मविश्वास बढ़ता हैं।
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