धर्म-अध्यात्म

शुक्रवार के दिन जरूर करें संतोषी माता की आरती, हर मनोकामनाएं होगी पूरी

Tara Tandi
3 Jun 2022 8:20 AM GMT
Must do Santoshi Matas aarti on Friday, every wish will be fulfilled
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हिंदू धर्म में शुक्रवार का दिन संतोषी माता को समर्पित है। इस दिन पूजा और व्रत का विशेष महत्व होता है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में शुक्रवार का दिन संतोषी माता को समर्पित है। इस दिन पूजा और व्रत का विशेष महत्व होता है। संतोषी माता को सुख, शांति और वैभव का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि जो भक्त शुक्रवार के दिन विध-विधान से व्रत करता है, मां संतोषी उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। सच्चे मन से इस व्रत को करने से संतोषी माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। प्रत्येक शुक्रवार के दिन माता संतोषी की पूजा करने से धन और विवाह संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं। विधि-विधान से पूजा अर्चना के अलावा प्रत्येक शुक्रवार को संतोषी माता की आरती पढ़ने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। आज हम आपके लिए संतोषी माता की आरती लेकर आए हैं, जिसके जरिए पूजा के दौरान आप आरती कर सकते हैं....

संतोषी माता की आरती
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ।
अपने सेवक जन की,
सुख सम्पति दाता ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
सुन्दर चीर सुनहरी,
मां धारण कीन्हो ।
हीरा पन्ना दमके,
तन श्रृंगार लीन्हो ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
गेरू लाल छटा छबि,
बदन कमल सोहे ।
मंद हंसत करुणामयी,
त्रिभुवन जन मोहे ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
स्वर्ण सिंहासन बैठी,
चंवर दुरे प्यारे ।
धूप, दीप, मधु, मेवा,
भोज धरे न्यारे ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
गुड़ अरु चना परम प्रिय,
तामें संतोष कियो ।
संतोषी कहलाई,
भक्तन वैभव दियो ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
शुक्रवार प्रिय मानत,
आज दिवस सोही ।
भक्त मंडली छाई,
कथा सुनत मोही ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
मंदिर जग मग ज्योति,
मंगल ध्वनि छाई ।
विनय करें हम सेवक,
चरनन सिर नाई ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
भक्ति भावमय पूजा,
अंगीकृत कीजै ।
जो मन बसे हमारे,
इच्छित फल दीजै ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
दुखी दारिद्री रोगी,
संकट मुक्त किए ।
बहु धन धान्य भरे घर,
सुख सौभाग्य दिए ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
ध्यान धरे जो तेरा,
वांछित फल पायो ।
पूजा कथा श्रवण कर,
घर आनन्द आयो ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
चरण गहे की लज्जा,
रखियो जगदम्बे ।
संकट तू ही निवारे,
दयामयी अम्बे ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥
सन्तोषी माता की आरती,
जो कोई जन गावे ।
रिद्धि सिद्धि सुख सम्पति,
जी भर के पावे ॥
जय सन्तोषी माता
मैया जय सन्तोषी माता ।
अपने सेवक जन की,
सुख सम्पति दाता ॥
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