धर्म-अध्यात्म

मंगलवार को जरूर करें हनुमान जी की आरती...होता है विशेष लाभ

Subhi
6 July 2021 2:25 AM GMT
मंगलवार को जरूर करें हनुमान जी की आरती...होता है विशेष लाभ
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मंगलवार के दिन मंगलमूर्ति पवनसुत हनुमान जी की पूजा की जाती है। हनुमान जी बल, बुद्धि के निधान हैं, अष्ट सिद्धि और नौ निधि के दाता हैं।

मंगलवार के दिन मंगलमूर्ति पवनसुत हनुमान जी की पूजा की जाती है। हनुमान जी बल, बुद्धि के निधान हैं, अष्ट सिद्धि और नौ निधि के दाता हैं। अंजनी पुत्र हनुमान जी का पूरे मनोयोग से पूजन करने से सभी मनोरथ पूरे होते हैं। मंगलवार के दिन हनुमान जी का व्रत रखने, ब्रह्मचर्य का पालन करने और पूजा करने का विधान है। हनुमान चालीसा का पाठ करना या सुंदरकाण्ड का पाठ करना हनुमान जी को प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय है। परंतु हिदूं परंपरा के अनुसार, किसी भी भगवान के पूजन का समापन उनकी आरती से होता है। हनुमान जी की पूजा के अंत में उनकी आरती जरूर करना चाहिए।

हनुमान जी की आरती कपूर से करना शुभ माना जाता है। थाली में सिंदूर या रोली से स्वास्तिक बना कर उस पर फूल और अक्षत् डालें। इसके बाद थाली में किसी कटोरी या दीपक में कपूर जला कर हनुमान जी की आरती करनी चाहिए। आरती के बाद हनुमान जी को लड्डू का भोग लगाया जाता है। मंगलवार को नियमित रूप से ऐसा करने से हनुमान जी की कृपा आप पर सदा बनी रहेगी, आपका कभी कोई अशुभ नहीं होगा।
हनुमान जी की आरती -

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।।

अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।

दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए।

लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।

लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे।

पैठी पताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखाड़े।

बाएं भुजा असुर दल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे।

सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे।

कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।

लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।

जो हनुमानजी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै।

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।


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