धर्म-अध्यात्म

प्रदोष व्रत के दिन सूर्यास्त होने के 45 मिनट पहले इन मंत्रों का जाप करें जरूर

Teja
13 May 2022 5:46 AM GMT
प्रदोष व्रत के दिन सूर्यास्त होने के 45 मिनट पहले इन मंत्रों का जाप करें जरूर
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प्रदोष व्रत हर महीने आने वाली त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. ये दिन भगवान शिव को समर्पित है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | प्रदोष व्रत हर महीने आने वाली त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. ये दिन भगवान शिव को समर्पित है. कहते हैं कि प्रदोष व्रत को करने से भगवान शिव बेहद ही प्रसन्न होते हैं. इस दिन भक्तजन माता पार्वती भगवान शिव की पूजा करके अपनी सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं. मान्यता है कि प्रदोष व्रत वाले दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ-साथ शनि देव जी की भी पूजा की जाए तो अत्यंत फल प्राप्त होता है. ऐसे में बता दें कि कुछ मंत्रों का जाप करके भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते हैं. प्रदोष काल में इन मंत्रों के जप से भगवान शिव आपकी इच्छा को पूरा कर सकते हैं. आज का लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि प्रदोष व्रत के दौरान किन मंत्रों का जप करें. पढ़ते हैं

प्रदोष व्रत मंत्र जाप
पंचाक्षरी मंत्र – ॐ नम: शिवाय।
महामृत्युंजय मंत्र –
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
लघु महामृत्युंजय मंत्र
ॐ हौं जूं सः
शिव गात्री मंत्र – ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।
शनिदेव में मंत्र
अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।
दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।
गतं पापं गतं दु:खं गतं दारिद्रय मेव च।
आगता: सुख-संपत्ति पुण्योऽहं तव दर्शनात्।।
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
ऊँ श्रां श्रीं श्रूं शनैश्चाराय नमः।
ऊँ हलृशं शनिदेवाय नमः।
ऊँ एं हलृ श्रीं शनैश्चाराय नमः।
ऊँ मन्दाय नमः।
ऊँ सूर्य पुत्राय नमः।
शनि गायत्री मंत्र – ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।
दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।
शनि महामंत्र – ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
शनि का वैदिक मंत्र – ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।


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