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धर्म-अध्यात्म
मुंबई सिद्धिविनायक मंदिर दर्शन से दु:ख दूर और मनोकामनाएं होगी पूरी
Teja
9 Feb 2022 6:19 AM GMT
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अष्टविनायक में नहीं होने के बावजूद भी मुंबई स्थित सिद्धिविनायक मंदिर (Siddhivinayak Temple) किसी सिद्धपीठ से कम नहीं है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भारत की आर्थिक राजधानी कहलाने वाली मुंबई (Mumbai) के प्रभादेवी में स्थित है सिद्धिविनायक (Siddhivinayak Temple) का पावन धाम, जिसकी की गिनती देश के अमीर मंदिरों में होती है. भले ही यह मंदिर महाराष्ट्र के अष्टविनायक (Ashtavinayak) में न आता हो लेकिन इसकी महिमा उनसे कम नहीं है. भगवान गणेश (Lord Ganesha) के इस पावन सिद्धपीठ में देश-विदेश से प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं. खास बात यह कि गणपति बप्पा के इस सिद्ध मंदिर में आने वाला चाहे अमीर हो या फिर गरीब, छोटा हो या बड़ा, वह कभी खाली हाथ नहीं जाता है. गणपति (Ganapti) हर किसी की झोली खुशियों से भरते हैं. आइए ऋद्धि-सिद्धि के दाता के इस पावन धाम के बारे में विस्तार से जानते हैं.
मान्यता है कि मुंबई स्थित सिद्धिविनायक मंदिर का निर्माण 1801 में विट्ठु और देउबाई पाटिल ने किया था. मान्यता है कि इस मंदिर के निर्माण में लगने वाली धनराशि एक नि:संतान कृषक महिला ने दी थी, ताकि सिद्धिविनायक के आशीर्वाद से जीवन में कोई भी महिला बांझ न हो और सभी को संतानसुख की प्राप्ति हो.
सिद्धिविनायक, भगवान गणेश जी का सबसे लोकप्रिय स्वरूप माना जाता है, जिसमें उनकी सूंड़ दाईं और मुड़ी होती है. मान्यता है कि जहां कहीं भी दायीं ओर सूंड़ वाली भगवान गणेश की मूर्ति होती है, वह सिद्धपीठ कहलाता है.
सिद्धिविनायक मंदिर में भगवान गणेश की प्रतिमा काले पत्थर से बनाई गई है, जहां पर वे अपनी दोनों पत्नी रिद्धि और सिद्धि के साथ विराजमान हैं. मंदिर के गर्भग्रह के चबूतरे पर स्वर्ण शिखर वाला चांदी का सुंदर मंडप है, जिसमें भगवान सिद्धिविनायक विराजते हैं.
चतुर्भुजी विग्रह वाले सिद्धिविनायक के ऊपर वाले दाएं हाथ में कमल और बाएं हाथ में अंकुश है और नीचे के दाहिने हाथ में मोतियों की माला और बाएं हाथ में मोदक से भरा कटोरा है.वहीं मस्तक पर भगवान शिव के समान तीसरा नेत्र और गले में एक सर्प हार है.
सिद्धिविनायक मंदिर की गिनती देश के सबसे अमीर मंदिरों में की जाती है. मान्यता है कि यहां साल भर में जितना चढ़ावा चढ़ता है, उतने में पूरी मुंबई के लोगों को भरपेट भोजन करवाया जा सकता है. जिन भक्तों की यहां मनोकामना पूरी होती है, वे यहां पर गुप्तदान करके जाते हैं. मंदिर की भीतरी छत सोने से ढकी हुई है.
गणेश उत्सव के दौरान सिद्धिविनायक मंदिर में गणपति बप्पा के दर्शन करने वालों का तांता लगा रहता है. इस दौरान देश ही नहीं विदेश से तीर्थयात्री यहां पर दर्शन के लिए पहुंचते हैं.
सिद्धिविनायक मंदिर के दर्शन मात्र से ही गणपति भक्त के बड़े से बड़े संकट पलक झपकते दूर हो जाते हैं. यही कारण है कि बॉलीवुड के बड़े कलाकार भी अपनी सफलता की कामना लिए अक्सर यहां पर माथा टेकने पहुंचते हैं.
मुंबई के इस मंदिर में भगवान श्री गणेश सिद्धिविनायक के रूप में विराजमान हैं, जिसे लोग नवसाचा गणपति या नवसाला पावणारा गणपति के नाम से भी बुलाते हैं.
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