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धर्म-अध्यात्म
Motivational Story: सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता, जानिए ये सक्सेस मंत्र के बारे में...
Triveni
23 Dec 2020 10:25 AM GMT
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सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है। सक्सेस मंत्र और इस सार से जुड़ी यह एक प्रेरक कहानी हम आपको सुना रहे हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है। सक्सेस मंत्र और इस सार से जुड़ी यह एक प्रेरक कहानी हम आपको सुना रहे हैं। एक जंगल था जहां सुनहरे पंखों वाली बहुत सुंदर चिड़िया रहती थी। वह पेड़ के तने में रहने वाले कीड़ों को खाती थी। यही उसका प्रिय भोजन था। एक दिन वो भोजन की तलाश कर रही थी। तब उस चिड़िया की नजर एक व्यक्ति पर पड़ी।
उस व्यक्ति के हाथ में एक छोटा-सा लकड़ी का बक्सा था जिसे लेकर वो जंगल से तेजी से गुजर रहा था। उसे इतनी जल्दबाजी में देख चिड़िया को हैरानी हुई। उस चिड़िया ने व्यक्ति से पूछा कि भाई इतनी जल्दी में कहां जा रहे हो। किसी परेशानी में हो क्या? व्यक्ति ने कहा, "नहीं तो। ऐसी कोई बात नहीं है। आज सुबह से ही मैं पेड़ के तनों में रहने वाले कीड़ों को इकट्ठा कर रहा था। इन्हें मैंने इस लकड़ी के बक्से में भरा हुआ है। इम्हें गांव के बाजार में बेचने जा रहा हूं। इसके बदले में मुझे एक सुनहरा पंख मिलेगा। जल्दी जा रहा हूं ताकी बाजार बंद न हो जाए।"
यह सुनकर चिड़िया को ख्याल आया कि उस व्यक्ति को सुनहरा पंख चाहिए और उसे खाने के लिए तने के कीड़े। एक-दूसरे की आवश्यकता को पूरा करने के लिए हम दोनों एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं। चिड़िया ने सोचा कि क्यों न वो इसे खुद का एक पंख देकर ये बक्सा ले ले। ऐसे में उसे भोजन के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
चिड़िया ने उस व्यक्ति से कहा कि यह बक्सा वो उसे दे दे। इसके बदले में वो उसे एक सुनहरा पंख दे देगी। व्यक्ति भी इस बात तैयार हो गया क्योंकि उसे बाजार तक नहीं जाना पड़ा। चिड़िया ने उसे अपना एक पंख दे दिया और बक्सा ले लिया। सिर्फ यही नहीं, उसने उस आदमी को रोज सुनहरा पंख देने का वादा किया और बदले में कीड़े लाने के लिए राजी कर लिया।
इससे चिड़िया को बिना किसी मेहनत के रोजाना कीड़े मिलने लगे। वह रोज अपना एक पंख तोड़ती और कीड़े लेकर अपनी भूख मिटा लेती। लेकिन धीरे-धीरे उसे उड़ने में परेशानी होने लगी क्योंकि उसके पंख खत्म होने लगे थे। फिर एक दिन ऐसा आया जब उसके सभी पंख खत्म हो गए। वह उड़ने में भी असमर्थ हो गई। पंख न मिलने पर उस आदमी ने उसके लिए कीड़े लाना बंद कर दिया। चिड़िया लाचार हो गई थी। वह खाना तलाशने भी नहीं जा सकती थी। कुछ ही दिनों में चिड़िया भूख-प्यास से तड़पकर मर गई।
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