धर्म-अध्यात्म

प्रेरक कथा:किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले पूरी बात जान लेनी चाहिए, वर्ना बाद में पछताना पड़ता है

Shiddhant Shriwas
20 May 2022 7:07 PM GMT
प्रेरक कथा:किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले पूरी बात जान लेनी चाहिए, वर्ना बाद में पछताना पड़ता है
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क।पुराने समय में एक राजा के दो पुत्र थे। राजा इन दोनों राजकुमारों में से किसी एक को राजा बनाना चाहता था, लेकिन वह निर्णय नहीं कर पा रहा था कि किसे राजा बनाना सही रहेगा।

राजा ने दोनों राजकुमारों को बुलाया और कहा, 'आप दोनों ये बताओ कि किसी आरोपी को क्या सजा देनी चाहिए?'
पहले राजकुमार ने कहा, 'आरोपी को तुरंत कारावास में डाल देना चाहिए और अगर आरोप बड़े हों तो उसे मृत्यु दंड दे देना चाहिए।'
राजा ने दूसरे राजकुमार से पूछा तो उसने कहा, 'हमें सबसे पहले देखना चाहिए कि क्या वाकई में उस व्यक्ति ने कोई अपराध किया है या नहीं?'
ये बात समझाने के लिए दूसरे राजकुमार ने एक कथा सुनाई। राजकुमार ने कहा कि एक राजा के पास एक तोता था। वह तोता राजा को बहुत प्रिय था, क्योंकि वह राजा से बातें करता था। एक दिन तोते ने कहा कि उसे उसके माता-पिता के पास जाना है। राजा ने तोते को जाने की इजाजत दे दी।
तोता अपने माता-पिता के पास पहुंचा और कुछ दिन रहने के बाद राजा के पास लौटने लगा। रास्ते में उसे एक ऐसा फल दिखाई दिया, जिसे खाने से व्यक्ति हमेशा जवान रह सकता था। तोते ने सोचा कि ये फल राजा के लिए अच्छा उपहार रहेगा। तोते ने वह फल ले लिया और फिर उड़ने लगा। रात हो गई तो वह एक पेड़ पर आराम करने के लिए रुक गया और अमृत फल एक शाखा पर रखकर सो गया।
रात में उस शाखा पर एक सांप आया और उसने उस फल पर अपना विष छोड़ दिया। सुबह हुई तो तोता वह लेकर राजा के पास पहुंच गया। राजा फल खाने वाला था, तभी उसके मंत्री ने कहा कि पहले फल की जांच कर लेनी चाहिए। तभी राजा ने फल का एक टुकड़ा कुत्ते को खिलाया तो कुत्ता मर गया।
राजा को गुस्सा आ गया और उसने सोचा कि ये तोता मुझे मारना चाहता है। तभी जहरीला फल लेकर आया है। राजा ने गुस्से में तोते को तलवार से मार डाला और फल को शाही बगीचे में फेंक दिया।
कुछ समय बाद बगीचे में उस फल के बीज से एक पेड़ उग गया। राजा ने सभी को मना कर दिया था कि ये जहरीला फल कोई न खाए, लेकिन एक दिन उस पेड़ के नीचे राजा का एक वृद्ध सेवक आराम कर रहा था, उसने पेड़ का फल खा लिया तो उसका बुढ़ापा दूर हो गया।
उस सेवक ने राजा को पूरी बात बताई तो राजा को समझ आ गया कि वह तोता ये फल इसलिए लेकर आया था कि मुझे बुढ़ापा न आए। राजा को अपनी गलती का अहसास हो गया, उसने बिना सोच-समझे एक वफादार तोते को मार दिया था।
राजकुमार की ये कथा सुनकर राजा बहुत खुश हुए और राजा ने दूसरे राजकुमार को ही राजा बना दिया।
bvप्रेरक कथा:किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले पूरी बात जान लेनी चाहिए, वर्ना बाद में पछताना पड़ता हैइस कथा की सीख यही है कि हमें भी किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले अच्छी जांच-पड़ताल कर लेनी चाहिए। अगर सोचे-समझे बिना कोई निर्णय करेंगे तो बाद में पछताना पड़ सकता है।


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