धर्म-अध्यात्म

मन का कारक है चंद्रमा, इन 2 राशियों के लिए बेहद शुभ; डिप्रेशन से मिलता है छुटकारा

Tulsi Rao
6 April 2022 4:47 PM GMT
मन का कारक है चंद्रमा,  इन 2 राशियों के लिए बेहद शुभ; डिप्रेशन से मिलता है छुटकारा
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माना जाता है कि इसके प्रभाव से चंद्र ग्रह मजबूत होता है और डिप्रेशन से मुक्ति मिलती है. आइए जानते हैं कि मोती रत्न के बारे में.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रत्न शास्त्र में ग्रहों की दशा को शुभ करने और अशुभ प्रभाव को खत्म करने के लिए कई रत्नों के बारे में बताया गया है. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो रत्न इंसान को सफलता की राह पर ले जाता है. इसके अलावा रत्न शारीरिक और मानसिक स्थिति को भी संतुलित बनाए रखने में मददगार होते हैं. ऐसा ही एक रत्न मोती है. माना जाता है कि इसके प्रभाव से चंद्र ग्रह मजबूत होता है और डिप्रेशन से मुक्ति मिलती है. आइए जानते हैं कि मोती रत्न के बारे में.

किन परिस्थितियों में धारण करते हैं मोती?
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक कुंडली में चंद्रमा की महादशा को अनुकूल करने के लिए मोती पहना जाता है. साथ ही कुंडली में चंद्रमा के साथ राहु-केतु की युति होने पर भी मोती धारण करने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा चंद्रमा पाप ग्रहों की दृष्टि में हो तो ऐसे में भी मोती धारण किया जाता है. जन्म कुंडली में चंद्रमा के 6, 8 या 12 भाव में स्थित होने पर भी मोती पहना जाता है. चंद्रमा के कमजोर होने पर या चंद्र-सूर्य की युति होने पर मोती धारण किया जा सकता है.
मोती धारण करने की विधि
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मोती को चांदी की अंगूठी जड़वाकर कनिष्ठा (सबसे छोटी अंगुली) में धारण करना चाहिए. पूर्णिमा के दिन इस रत्न को धारण करना शुभ होता है. मोती धारण करने से पूर्व गंगाजल से शुद्ध कर लें. इसके बाद भगवान शिव को अर्पित करके धारण करें.
मोती धारण करने के फायदे
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मोती का रंग सफेद होता है. सबसे उत्तम किस्म का मोती दक्षिण सागर में पाया जाता है. कुछ मोतियों में पीली धारियां भी होती हैं. मोती का संबंध चंद्रमा से है. ऐसे में सिंह और कर्क राशि के जातकों के लिए विशेष लाभकारी माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा मन-मस्तिष्क को प्रभावित करता है. इसलिए मन को शांत करने के लिए मोती धारण करने की सलाह दी जाती है. इतना ही नहीं, मोती धारण करने से इंसान को डिप्रेशन से मुक्ति मिल सकती है.


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