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भारत को पर्व त्योहारों का देश माना गया हैं और हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है। अभी ज्येष्ठ का पावन महीना चल रहा है जिसके देवता वरुण देव है। इस महीने कई सारे व्रत पड़ते हैं जो लोग अपनी श्रद्धा भाव से रखते हैं।
पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाएगा। जो भगवान शिव शंकर की पूजा आराधना को समर्पित होता हैं इसी तिथि पर भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था। ये शिव की प्रिय रात्रि मानी जाती है।
इस व्रत को अखंड सौभाग्यवती की कामना से किया जाता है। इस बार मासिक शिवरात्रि का व्रत 17 मई दिन बुधवार को रखा जाएगा। मान्यता है कि इस दिन मध्यरात्रि शिव का जलाभिषेक करने से भगवान प्रसन्न हो जाते हैं और साधक के सभी कष्ट हर लेते हैं तो आज हम आपको मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
पूजन का शुभ मुहूर्त—
धार्मिक पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 17 मई को रात्रि 10 बजकर 28 मिनट पर होगा। वही इसका समापन अगले दिन यानी 18 मई को रात्रि 9 बजकर 42 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में मासिक शिवरात्रि का व्रत 17 मई को करना उत्तम रहेगा। आपको बता दें कि मासिक शिवरात्रि में शिव आराधना रात्रि में करना श्रेष्ठ माना जाता हैं। इस दिन व्रत पूजन करने से साधक के सभी दुख दर्द दूर हो जाते हैं और सुख शांति व समृद्धि की प्राप्ति होती हैं।
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