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आज के समय में हर किसी की चाहत होती है कि वह धनवान बन जाए। लेकिन कई बार अधिक मेहनत करने के बावजूद वो सफल नहीं हो पाता है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, कई बार घर में नकारात्मक ऊर्जा का अधिक वास होने के कारण पैसों की तंगी, बिजनेस में भारी नुकसान, कलह बनी रहना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में वास्तु में कई उपाय बताए गए हैं जिन्हें करने से धन लाभ जरूर मिलता है। वास्तु में एक ऐसे पौधे के बारे में बताया गया है जो आपके घर से नकारात्मक ऊर्जा को हटाकर पॉजिटिव एनर्जी भर देता है। इसे पौधे को क्रासुला नाम से जाना जाता है। इसके अलावा इस पौधे को लकी ट्री, मनी ट्री, सकुलेंट्स, पुलाव का पौधा या फिर क्रासुला ओवाटा नाम से भी जानते हैं। जानिए वास्तु के अनुसार, घर में किस तरह से क्रासुला पौधा रखने से धन लाभ मिलेगा और हर काम में सफलता प्राप्त होगी।
वास्तु शास्त्र में इसे धन का पौधा माना जाता है। इसे घर में लगाने से आर्थिक संबंधी हर समस्या से छुटकारा मिल जाता है और आय के नए स्त्रोत खुल जाते हैं। मान्यता है कि ये पौधा मनी प्लांट से भी ज्यादा शुभ होता है।
वास्तु के अनुसार, क्रासुला को घर के प्रवेश द्वार के दाएं ओर रखना शुभ माना जाता है। इस दिशा में ये पौधा रखने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ जाता है जिससे व्यक्ति को धन लाभ मिलता है। इसके साथ ही पदोन्नति और बिजनेस में लाभ मिलता है।
ऑफिस में तनाव मुक्त रखने के साथ पदोन्नति के लिए कार्यस्थल में दक्षिण-पश्चिम दिशा में क्रासुला का पौधा रख लें। इससे व्यक्ति को सफलता भी प्राप्त होगी।
ऑफिस या दुकान के कैश काउंटर के ऊपर क्रासुला का पौधा रख सकते हैं। इससे दोगुना धन लाभ मिलेगा।
अगर घर का कोई सदस्य या फिर आप खुद किसी न किसी बीमारी से परेशान रहते हैं तो घर की पूर्व दिशा की ओर इस पौधे को रखना शुभ साबित होगा।
बच्चों को भविष्य को अच्छा करने और उनके कमरे में पॉजिटिव एनर्जी के लिए पश्चिम दिशा में क्रासुला का पौधा रख सकते हैं।
वास्तु के अनुसार, कभी भी बेडरूम या जिस कमरे में आप सोते हैं, तो वहां पर क्रासुला का पौधा बिल्कुल भी न रखें। इससे घर में अशांति का माहौल रहता है।
वास्तु के मुताबिक, घर की दक्षिण दिशा में भी क्रासुला का पौधा नहीं रखना चाहिए। इससे धन हानि अधिक होती है और एक भी पैसों की बचत नहीं होती है।
क्रासुला पौधे की पत्तियां काफी मुलायम और मोटी होती है। यह पौधा आसानी से छाया में ही हो जाता है। इसके साथ ही इसकी ज्यादा देखभाल करने की भी जरूरत नहीं पड़ती है। इतना ही नहीं हफ्ते में 2-3 बार पानी देने से भी यह आसानी से चल जाता है।