धर्म-अध्यात्म

Mokshada Ekadashi 2021: जानिए मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने के फायदे और पूजा की सही विधि

Rani Sahu
11 Dec 2021 5:09 PM GMT
Mokshada Ekadashi 2021: जानिए मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने के फायदे और पूजा की सही विधि
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मोक्षदा एकादशी को मोक्ष देने वाली एकादशी के नाम से भी जाना जाता है

मोक्षदा एकादशी को मोक्ष देने वाली एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस साल मोक्षदा एकादशी (Mokshda Ekadashi 2021) 14 दिसंबर 2021 को मनाई जाएगी. हींदू पंचांग के मुताबिक, शुक्ल पक्ष में मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त होता है. आप इस एकादशी के पुण्य लाभ को अपने पितरों को अर्पित करके उनको मोक्ष दिलाने का प्रयास कर सकते हैं. मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को ही भगवान श्रीकृष्ण ने अजुर्न को गीता का उपदेश दिया था, इसलिए मोक्षदा एकादशी का महत्व और बढ़ जाता है.

मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने के फायदे
– मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से देवता और पितृ प्रसन्न होते हैं.
– मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने और गीता का पाठ करने से अच्छे फल की प्राप्ति होती है. साथ ही व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
मोक्षदा एकादशी की पूजा विधि
– इस दिन प्रात: स्नान आदि करके व्रत एवं विष्णु पूजा का संकल्प लेते हैं.
– इसके बाद भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को पूजा स्थान पर स्थापित करें. उनका पंचामृत से अभिषेक करें.
– फिर उनको चंदन, रोली लगाएं. पीले फूल, वस्त्र, अक्षत्, धूप, दीप, पान, तुलसी पत्र आदि अर्पित करें.
– भगवान विष्णु को खीर, केला, श्रीफल और केसर भात का भोग लगाएं. इनमें से जो भी चीजें हो, उसे चढ़ा सकते हैं.
– उनके लिए एक घी का दीपक जलाएं और उसमें काला या सफेद डाल दें.
– इसके बाद विष्णु चालीसा, विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें. ​अब मोक्षदा एकादशी व्रत कथा का श्रवण करें.
– एकादशी कथा के समापन के बाद भगवान विष्णु की विधिपूर्वक आरती करें. उसके बाद अपनी मनोकामना व्यक्त कर दें. प्रसाद लोगों में वितरित कर दें.
– पूरे दिन फलाहार करते हुए भगवत भजन करें और रात के समय में जागरण करें.
– अगले दिन प्रात: स्नान आदि करके भगवान विष्णु की पूजा करें और पारण करके व्रत को पूरा करें.
– पारण से पहले दान भी दें.
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