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धर्म-अध्यात्म
सूर्य को अर्घ्य देते समय जल में मिलाएं काले तिल, मिलेंगे अनगिनत फायदे
SANTOSI TANDI
2 July 2023 1:20 PM GMT
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सूर्य को अर्घ्य देते समय जल में मिलाएं
हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि सूर्य को नियमित रूप से जल देने से घर की सुख समृद्धि बनी रहती है। इसी वजह से ज्योतिष में सूर्य को अर्घ्य देने के साथ सूर्य मंत्रों का जाप करने की सलाह दी जाती है।
ऐसा माना जाता है कि सूर्य को जल चढ़ाने से शरीर, मन और आत्मा शुद्ध हो जाती है और अच्छा स्वास्थ्य, धन और समृद्धि आती है। सूर्य को जल चढ़ाने की प्रथा का उल्लेख हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ और वेदों में भी मिलता है।
सूर्य परमात्मा का स्वरूप हैं और सूर्य को जल चढ़ाना परमात्मा से जुड़ने का एक तरीका है। वहीं यह भी कहा जाता है कि यदि आप सूर्य में कुछ विशेष चीजें मिलाकर अर्घ्य देते हैं तो इसका फल कई गुना तक बढ़ जाता है।
उनमें से ही एक चीज है काले तिल। यदि हम सूर्य को अर्घ्य देते समय इसमें थोड़े काले तिल मिलाते हैं तो जीवन में इसके कई ज्योतिष लाभ मिल सकते हैं। आइए ज्योतिषाचार्य डॉ आरती दहिया जी से जानें कि सूर्य को अर्घ्य देते समय पानी में काले तिल मिलाने के लाभ क्या हैं।
सूर्य को अर्घ्य देने के फायदे
ऐसा माना जाता है कि सूर्य को जल चढ़ाने से शरीर, मन और आत्मा शुद्ध हो जाती है सुख समृद्धि बनी रहती है। पानी सूर्य की किरणों को अवशोषित करता है, जिसमें शुद्धिकरण गुण होते हैं। सूर्य को जीवनदाता के रूप में देखा जाता है और ऐसा माना जाता है कि सूर्य को जल चढ़ाने से व्यक्ति को समस्त दैवीय शक्तियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इस अनुष्ठान को परमात्मा से जुड़ने का एक तरीका माना जाता है क्योंकि सूर्य को परमात्मा की अभिव्यक्ति के रूप में देखा जाता है। भक्तों का ईश्वर के प्रति श्रद्धा दिखाने का एक माध्यम सूर्य को अर्घ्य देने को माना जाता है।
जल में काले तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य देने के फायदे
माना जाता है कि सूर्य को काले तिल मिलाकर अर्घ्य देने से शरीर, मन और आत्मा शुद्ध हो जाती है। काले तिलों में भी शुद्धिकरण के गुण होते हैं और यह भी सूर्य के लिए एक पवित्र प्रसाद माने जाते हैं।
सूर्य को काले तिल के साथ अर्घ्य देने से मन को शांति मिलती है और शरीर ऊर्जावान बना रहता है। सूर्य को काले तिल मिलाकर जल चढ़ाने से आपको सूर्य की पूजा का पूर्ण फल मिलता है। सूर्य को परमात्मा की अभिव्यक्ति के रूप में देखा जाता है और काले तिल के साथ सूर्य को जल चढ़ाना परमात्मा के प्रति अपनी श्रद्धा दिखाने का एक तरीका है।
ऐसा माना जाता है कि काले तिल में सुरक्षात्मक गुण होते हैं और इन्हें सौभाग्य के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है। सूर्य को काले तिल के साथ जल चढ़ाने से कई तरह के नुकसान से बचाव होता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
सूर्य को काले तिल मिलाकर अर्घ्य देने के नियम
सूर्य को काले तिल से जल चढ़ाने के कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं -
सूर्य को अर्घ्य देते समय एक तांबे के लोटे में पानी डालें और उसमें मुट्ठी से काले तिल डालें और थोड़ी देर के लिए इसे धूप में रख दें।
सूर्य को काले तिल मिलाकर जल चढ़ाने का सबसे अच्छा समय सुबह का होता है।
जिस समय सूर्य उग रहा होता है वो समय अर्घ्य देने के लिए सबसे उत्तम होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस समय सूर्य की किरणें सबसे अधिक शक्तिशाली मानी जाती हैं।
सूर्य को अर्घ्य (सूर्य को अर्घ्य देने के नियम) देते समय सबसे पहले, शुद्ध हृदय और स्पष्ट दिमाग होना महत्वपूर्ण है।
जल चढ़ाते समय सूर्य के मंत्रों का जाप करें और आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करें।
अगर आप सूर्य को अर्घ्य देते समय काले तिल मिलाती हैं तो आपके जीवन के लिए कई सकारात्मक लाभ मिल सकते हैं और इससे घर से कोई भी बुरी शक्ति दूर बनी रहती है।
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