धर्म-अध्यात्म

सावन के महीने में चढ़ाया जाता है भगवान शिव को दूध, दूर होता है चंद्रमा का नकारात्‍मक प्रभाव

Renuka Sahu
3 Aug 2021 2:59 AM GMT
सावन के महीने में चढ़ाया जाता है भगवान शिव को दूध, दूर होता है चंद्रमा का नकारात्‍मक प्रभाव
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फाइल फोटो 

भगवान शिव को जो चीजें अर्पित की जाती हैं, उनका कभी भी उपयोग नहीं किया जाता है. इसीलिए शिव जी को चढ़ाए गए नारियल का उपयोग करने से भी मना किया जाता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भगवान शिव (Lord Shiva) को जो चीजें अर्पित की जाती हैं, उनका कभी भी उपयोग नहीं किया जाता है. इसीलिए शिव जी को चढ़ाए गए नारियल (Coconut) का उपयोग करने से भी मना किया जाता है. धर्म-पुराणों के मुताबिक शिव जी को वही चीजें चढ़ाई जाती हैं जिनका सावन महीने में सेवन करने से बहुत नुकसान होता है. ऐसा माना जाता है कि चूंकि शिव जी ने विष पिया था इसलिए वह लोगों की भलाई के लिए उनके लिए नुकसानदेय साबित होने वाली चीजों को खुद ग्रहण कर लेते हैं.

इसलिए सावन महीने में चढ़ाया जाता है दूधk
सावन महीने में शिवलिंग (Shivling) का अभिषेक दूध-दही, शहद आदि चीजों से किया जाता है. मेडिकल साइंस की नजर से देखें तो बारिस के इस मौसम में दूध (Milk) और दूध से बनी चीजें नहीं खानी चाहिए, इससे कई तरह की बीमारियां होती हैं. मौसम में बदलाव के कारण जठराग्नि कमजोर हो जाती है, इससे पाचन ठीक नहीं रहता है. इस दौरान दूध नहीं पचने के कारण कफ और वात की समस्‍या बढ़ने लगता है. पहले के समय में लोग सावन आते ही दूध का त्‍याग कर देते थे और वह दूध शिव जी को चढ़ाते थे.
सावन महीने में चढ़ाया जाता है भगवान शिव को दूध, दूर होता है चंद्रमा का नकारात्‍मक प्रभाव

वहीं ज्योतिष (Astrology) के अनुसार शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से व्‍यक्ति की इच्छाशक्ति मजबूत होती है. मन का स्वामी चंद्रमा (Moon) है, इसकी अच्‍छी-बुरी स्थिति व्‍यक्ति के मन पर असर डालती है. चूंकि पानी और दूध पर चंद्रमा का प्रभाव होता है, ऐसे में शिव जी को दूध चढ़ाने से चंद्रमा के नकारात्‍मक असर से राहत मिलती है. लिहाजा सावन महीने में शिवलिंग को जल और दूध चढ़ाएं, इससे बहुत लाभ होगा.


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