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- शंख की पूजा की विधि
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म ग्रंथो के अनुसार मार्गशीर्ष माह की शुरुआत हो चुकी है. जैसे अंग्रेजी कैलेंडर में साल के 12 महीने होते हैं वैसे ही हिन्दी कैलेंडर में भी साल के 12 महीने होते हैं. पंचाग के अनुसार हर महीनों को अलग नामों से जाना जाता है. साल के नवें महीने को अगहन के नाम से भी जानते हैं. ऐसी मान्यता है मार्गशीर्ष माह से ही सतयुग की स्थापना हुई थी. यह माह भगवान कृष्ण को बहुत प्रीय होता है. इस माह में शंख की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. अगर मार्गशीर्ष माह में आप शंख की विधि-विधान से पूजा करत हैं, तो इससे न सिर्फ भगवान कृष्ण बल्कि माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं. आइए जानें शंख से जुड़े कुछ कारगर उपाय.
यदि आप मां लक्ष्मी की कृपा पाना चाहते हैं तो मार्गशीर्ष माह में रोजाना शंख की पूजा करें. घर के मंदिर में या जहां भी आपकी पूजन स्थल हो वहां पर शंख की स्थापना करें और विधि-विधान से पूजा करें. मान्यता है कि शंख की पूजा से जीवन में धन-धान्य के साथ सुख-समृद्धि आती है.
भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए दक्षिणावर्ती शंख में दूध भरें और फिर उससे विष्णु जी का अभिषेक करें. इससे न सिर्फ विष्णु जी बल्कि माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं.
अगर आप की कुंडली में दोष हो तो मार्गशीर्ष माह में शंख पूजा अवश्य करें. खास करके जिस व्यक्ति की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर स्थिति में हों उन्हें शंख पूजा अवश्य करनी चाहिए. इसके लिए एक सफेद कपड़े में शंख के साथ, चावल और बताशे लपेट कर उसे किसी नदी में प्रवाह कर दें.
इस माह के दौरान शंख दान करना बेहद लाभदायक साबित हो सकता है. यदि संभव हो तो श्री विष्णु के किसी मंदिर में जाकर शंख दान करें. इससे आपके सभी दोष दूर हो जाएंगे.
वैसे तो शंख कई प्रकार के होते हैं लेकिन मार्गशीर्ष माह में मोती शंख का विशेष महत्व होता है. इख को अपनी अलमारी का तिजोरा में रखें. इसके साथ हल्दी और कच्चे चावल भी एक कपड़े में बांदकर रख दें. इससे आपके घर में बरकत होगी और धन-धान्य का लाभ होगा.