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धर्म-अध्यात्म
May 2021 Vrat Tyohar List: मई माह में ईद, बुद्ध पूर्णिमा, अक्षय तृतीया के अलावा आएंगे ये प्रमुख व्रत-त्योहार
Deepa Sahu
26 April 2021 2:38 PM GMT
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मई महीने में कई व्रत एवं त्योहार पड़ने वाले हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: मई महीने में कई व्रत एवं त्योहार पड़ने वाले हैं। इस महीने वरूथिनी एकादशी, ईद-उल-फितर, और बुद्ध पूर्णिमा के अलावा अन्य प्रमुख त्योहार पड़ेंगे। आइए देखते हैं इस महीने के प्रमुख त्योहार और उनकी तिथियां -
07 मई: वरूथिनी एकादशी
वरुथिनी एकादशी व्रत 7 मई, शुक्रवार को रखा जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह तिथि जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन व्रत रखने और विधिवत पूजन करने से सभी दुख दूर होते हैं और जीवन में शांति आती है।
08 मई: शनि प्रदोष
शनि प्रदोष व्रत 8 मई शनिवार को रखा जाएगा।। हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
09 मई: मासिक शिवरात्रि
वैशाख माह की मासिक शिवरात्रि 9 मई रविवार को पड़ेगी। हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का तो महत्व माना ही जाता है लेकिन हर माह पड़ने वाली शिवरात्रि भी बहुत महत्व रखती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है।
11 मई: वैशाख अमावस्या
वैशाख अमावस्या 11 मई को है। वैखाख माह कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को वैशाख अमावस्या के नाम से जाना जाता है। अमावस्या के दिन धार्मिक कार्य, मंत्र जाप तथा पूजा-पाठ किया जाता है। तंत्र साधना के लिए यह तिथि महत्वपूर्ण मानी जाती है।
12 मई: ईद-उल-फितर
ईद-उल-फितर इस्लाम मजहब का प्रमुख त्योहार है। इस साल यह त्योहार 12-13 मई को मनाया जाएगा। यह त्योहार रमजान खत्म होने के बाद मनाया जाता है। इसे मीठी ईद के नाम से जाना जाता है। ईद में मीठे पकवान (खासतौर पर सेंवईं) बनते हैं। लोग आपस में गले मिलकर अपने गिले-शिकवों को दूर करते हैं।
14 मई: परशुराम जयंती/अक्षय तृतीया
14 मई को परशुराम जयंती और अक्षय तृतीया पर्व मनाएं जाएंगे। भगवान परशुराम विष्णुजी के छठे अवतार और सात चिरंजीवी में एक हैं, जो कलयुग के समय आज भी इस पृथ्वी पर मौजूद हैं। अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन इनका जन्मोत्सव मनाया जाता है।
15 मई: विनायक चतुर्थी
विनायक चतुर्थी 15 मई को है। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से जातकों को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
18 मई: गंगा सप्तमी
गंगा सप्तमी पर्व 18 मई को मनाया जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन गंगा स्वर्ग लोक से भगवान शिव शंकर की जटाओं में पहुंची थी इसलिए इस दिन को गंगा जयंती और गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है।
21 मई: सीता सप्तमी
सीता नवमी उत्सव 21 मई को है। मान्यता है कि माता सीता का प्राकट्य वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। इस पावन दिन को जानकी नवमी या सीता नवमी के नाम से जाना जाता है। इस दिन मां व्रत पूजन करने से भगवान राम और मां सीता का आशीर्वाद मिलता है।
22 मई: मोहिनी एकादशी
मोहिनी एकादशी व्रत 22 मई को है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मोहिनी एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है। इस एकादशी का व्रत करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है और पापों का नाश होता है।
24 मई: सोम प्रदोष व्रत
सोम प्रदोष व्रत 24 मई सोमवार को रखा जाएगा।। हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है और सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
25 मई: नरसिंह जयंती
नरसिंह जयंती 25 मई को मनाई जाएगी। भगवान नरसिंह विष्णुजी के चौथे अवतार हैं जिन्होंने हिरण्कश्यपु का वध किया था। हिन्दू पंचांग के अनुसार, नरसिंह जयंती हर साल वैशाख मास शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाई जाती है।
26 मई: बुद्ध पूर्णिमा, बैसाख पूर्णिमा
बुद्ध पूर्णिमा 26 मई को है। वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। यह भगवान बुद्ध का जन्मोत्सव है। गौतम बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था। वे एक आध्यात्मिक गुरु थे, जिनकी शिक्षाओं से बौद्ध धर्म की स्थापना हुई थी।
27 मई: नारद जयंती
नारद जयंती 27 मई को मनाई जाएगी। नारद जयंती प्रति वर्ष ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है। हिन्दू धार्मिक आस्था के अनुसार, देवर्षि नारद का महत्वपूर्ण स्थान है। पौराणिक कथा के अनुसार, नारद मुनि ब्रह्रााजी के मानस पुत्र हैं।
29 मई: संकष्टी चतुर्थी
संकष्टी चतुर्थी 29 मई को है। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से जातकों को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
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