धर्म-अध्यात्म

Mauni Amavasya 2021: इस दिन है मौनी अमावस्या, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त एवं धार्मिक महत्व 

Deepa Sahu
27 Jan 2021 3:19 PM GMT
Mauni Amavasya 2021:  इस दिन है मौनी अमावस्या, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त एवं धार्मिक महत्व 
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माघ माह की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: हिन्दू पंचांग के अनुसार, माघ माह की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं। मौनी अमावस्या 11 फरवरी 2021 को पड़ रही है। धार्मिक दृष्टि से यह तिथि बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर स्नान और दान करने का विशेष महत्व माना गया है। ऐसी मान्यता है कि अगर इस अमावस्या पर मौन रहें तो इससे अच्छे स्वास्थ्य और ज्ञान की प्राप्ति होती है। ग्रह दोष दूर करने के लिए भी ये अमावस्या खास मानी गई है।

मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या 10 फरवरी 2021 को 01 बजकर 10 मिनट से 11 फरवरी 2021 की रात 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगी।
मौनी अमावस्या के नियम
सुबह या शाम को स्नान के पहले संकल्प लें।
पहले जल को सिर पर लगाकर प्रणाम करें फिर स्नान करें।
साफ कपड़े पहनें और जल में काले तिल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें।
फिर मंत्र जाप करें और सामर्थ्य के अनुसार वस्तुओं का दान करें।
इस दिन क्रोध करने से बचें।
किसी को अपशब्द न कहें।
मौनी अमावस्या के दिन ईश्वर का ध्यान करें।
पौराणिक शास्त्रों में मौनी अमावस्या
पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ था और उन्हीं के नाम से मौनी शब्द की उत्पत्ति हुई। इसलिए इसे मौनी अमावस्या कहा जाता है। स्नान के बाद साफ कपड़े पहने जाते हैं। जल में काले तिल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता। फिर सूर्य भगवान के मंत्र का जाप कर जरूरतमंदों को दान दिया जाता। श्रद्धालु इस दिन मौन व्रत रहकर ईश्वर के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं। गंगा स्नान के लिए शुभ दिन है। मौनी अमावस्या, मौन रहकर स्नान दान करने की है परंपरा मौन से शुरू हुई।
मौनी अमावस्या का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिल जाती है। मौनी अमावस्या पर किये गये दान-पुण्य का फल सौ गुना ज्यादा मिलता है। कहा जाता है कि इस दिन गंगा का जल अमृत से समान होता है। मौनी अमावस्या को किया गया गंगा स्नान अद्भुत पुण्य प्रदान करता है।
किन चीजों का करें दान
मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान के पश्चात तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, कंबल, वस्त्र, अंजन, दर्पण, स्वूर्ण और दूध देने वाली गाय का दान करना ज्यादा फलदायी रहेगा।


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