धर्म-अध्यात्म

राधा-कृष्ण के कारण विश्व पर्यटन में अलग पहचान है मथुरा की, मंदिरों-घाटों के साथ ही लोकप्रिय है लजीज व्यंजन

Kiran
22 Jun 2023 2:21 PM GMT
राधा-कृष्ण के कारण विश्व पर्यटन में अलग पहचान है मथुरा की, मंदिरों-घाटों के साथ ही लोकप्रिय है लजीज व्यंजन
x
मथुरा का इतिहास करीब 2500 साल पुराना है। इस शहर को बृज भूमि के रूप में भी जाना जाता है, मथुरा वो जगह है जहाँ श्री कृष्ण ने जन्म लिया था। मथुरा इतना प्राचीन शहर है कि इसका उल्लेख हिंदू महाकाव्य रामायण में और अलेक्जेंड्रियन खगोलशास्त्री टॉलेमी के लेखों में भी मिलता है। यह एक हिंदू धार्मिक स्थल होने के साथ ही बौद्धों और जैनों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण स्थान है।
लगभग 400 ईस्वी में कुषाण राजवंश के शासन के समय चीनी राजदूत फा ह्यन ने मधुरा शहर में बड़ी संख्या में बौद्ध मठों के होने का उल्लेख किया था। इसके कुछ समय बाद यह शहर मुस्लिम शासकों के अधीन हो गया था इस दौरान महमूद गजनवी ने यहां के ज्यादातर मंदिरों को ध्वस्त कर दिया गया था। गजनवी का पालन करते हुए बाद में औरंगजेब ने भी इस पवित्र शहर में तोड़फोड़ की। इसके कुछ समय बाद अंग्रेजो ने इस शहर पर अपना कब्ज़ा कर किया।
जब बाद में ह्वेन त्सांग एक यात्री ने मथुरा का दौरा किया तब यहां महन्त की संख्या 2000 से 3000 तक गिर गिया थी इसके बाद पंथ के पुनरुत्थानवादी हिंदू आंदोलन ने इस धार्मिक स्थल को राख से वापस उठाया और यहां के मंदिरों को पुनर्जीवित किया।
भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा धार्मिक पर्यटन स्थल के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। देश-विदेश से लोग यहां घूमने आते हैं। यहां साल भर पर्यटकों की बड़ी संख्या में भीड़ होती है।
आप श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा घूमने के लिए जाना चाहते हैं तो यहां आपको कई सारे दार्शनिक स्थल मिल जाएंगे। श्रीकृष्ण का जन्म भले ही उनके मामा कंस के महल में बनी जेल में हुआ था लेकिन उनका बचपन गोकुल वृंदावन की गलियों में बीता। इसलिए मथुरा भ्रमण के दौरान श्रीकृष्ण से जुड़ी सभी खास जगहों के दर्शन करने को यहां मिलेंगे।
कृष्णजन्म भूमि
मथुरा की जेल जहाँ श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, सबसे पहले पर्यटक इसी स्थान को देखना पसन्द करता है। इसे कृष्ण जन्मभूमि कहा जाता है। यहाँ आपको मंदिर में दर्शन के साथ ही आकर्षक गुफा में घूमने को मिलेगा, जिसके लिए अलग से टिकट लेना पड़ता है। 10 रुपये का टिकट लेकर आप गुफा के अंदर जा सकते हैं, जिसमें श्री कृष्ण की झांकियां साउंड इफेक्ट के साथ दिखाई जाती हैं।
बांके बिहारी मंदिर
यहाँ से वृंदावन जाएँ जहाँ भगवान कृष्ण को समर्पित श्री बांके बिहारी मंदिर है। इस मंदिर की इमारत राजस्थानी शैली में बनी है। मंदिर में भगवान कृष्ण की छवि बच्चे के रूप में है। इस मंदिर में एक भी घंटी या शंख नहीं हैं, क्योंकि मान्यता है कि भगवान को यहाँ इन वाद्ययंत्रों की आवाज पसंद नहीं थी।
रंगनाथ मंदिर
वृंदावन-मथुरा मार्ग पर श्री रंगनाथ मंदिर स्थित है, इसे रंगजी मंदिर भी कहते हैं। यह मंदिर भगवान कृष्ण के अवतार रंगनाथ जी को समर्पित है, जो दक्षिण भारतीय शैली में बना है। यहाँ भगवान कृष्ण की प्रतिमा दूल्हे के रूप में रखी है। वहाँ दुल्हन गोदा हैं। यह उत्तर भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है।
प्रेम मंदिर
साल 2001 में जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज ने प्रेम मंदिर बनवाया था। इस मंदिर की खूबसूरती भक्तों को आकर्षित करती है। मंदिर परिसर के चारों ओर बगीचे हैं, जहाँ बड़ी बड़ी झांकियाँ देखने को मिलती हैं। इस मंदिर में शाम के समय जाना ज्यादा बेहतर रहेगा।
कुसुम सरोवर
मथुरा के प्रमुख स्थानों में से एक राधाकुंज के नजदीक स्थित कुसुम सरोवर स्थित हैं। यह सरोवर लगभग 60 फीट गहरा और 450 फीट लंबा है। ऐसा कहा जाता है कि इस सरोवर के पास ही राधा कृष्ण से मिलने आती थी। इस सरोवर का पानी बहुत शांत और साफ है। इसके साथ ही यहां की प्रसिद्ध शाम को होने वाली आरती है जिसे कई पर्यटक अपने कैमरे में कैद करना नहीं भूलते।
गोवर्धन हिल
वृंदावन के पास स्थित गोवर्धन हिल भक्तों और पर्यटकों के लिए सबसे ज्यादा लोकप्रिय स्थान है। वृंदावन से लगभग 22 किमी की दूरी पर गोवर्धन पहाड़ी या गिरि राज स्थित है। मानसी गंगा, मुखरविंद और दान घाटी सहित पहाड़ियों की यात्रा करने के लिए कुछ दिलचस्प स्थान हैं। इस पहाड़ी को बेहद पवित्र माना जाता है। पहाड़ी बलुआ पत्थर से बनी है और 38 किमी की परिधि के साथ 80 फीट ऊंची है।
द्वारकाधीश मंदिर, मथुरा
मथुरा में स्थित द्वारकाधीश मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है जो कि यहाँ घूमने के लिए सुंदरता और वास्तुकला के लिए जरूर जाना चाहिए। 1814 में निर्मित, मंदिर अपेक्षाकृत नया है लेकिन अत्यधिक पूजनीय है। प्रवेश द्वार राजस्थानी शैली की वास्तुकला का दावा करता है जिसमें केंद्र में एक खुले आंगन के साथ-साथ खूबसूरती से नक्काशीदार खंभे और एक शानदार चित्रित छत है।
मथुरा म्यूजियम
मथुरा में स्थित मथुरा म्यूजियम पुरातत्व के रूप में जाना जाने वाला, सरकारी संग्रहालय मथुरा डैम्पियर पार्क में स्थित है। संग्रहालय मथुरा और उसके आसपास प्रसिद्ध पुरातत्वविदों द्वारा की गई खोजों को भी प्रदर्शित करता है। वर्ष 1874 में निर्मित मथुरा संग्रहालय मथुरा और आसपास के क्षेत्रों से मूर्तियों, मिट्टी के बर्तनों, चित्रों, कलाकृतियों, सिक्कों (सोने, चांदी और तांबे में) और बहुत कुछ का एक बड़ा संग्रह समेटे हुए है।
कंस किला
कंस किला मथुरा में एक प्राचीन किला है जो कि यमुना नदी के तट पर स्थित है। यह किला भगवान कृष्ण के मामा कंस को समर्पित है। कंस का किला देखरेख न करने का कारण खराब अवस्था में खड़ा हुआ है, लेकिन अभी पर्यटक इसे देखने के लिए जरूर आते हैं। किला, जिसे मथुरा का पुराना किला भी कहा जाता है, महाभारत के समय का है और इसकी दीवारों को मजबूती से मजबूत किया गया है।
बरसाना
बरसाना उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा जिले में एक ऐतिहासिक शहर और एक नगर पंचायत है। बरसाना माता राधा का जन्म स्थान है, यह ब्रज भूमि का क्षेत्र है बरसाना में श्री राधा रानी मंदिर स्थित है जिसे देखने लाखों भक्त यहां आते हैं।
mathura tourist attractions,best places to visit in mathura,top tourist spots in mathura,explore mathura famous landmarks,must-see places in mathura,tourist destinations in mathura,mathura sightseeing guide,historical sites in mathura,cultural attractions in mathura
things to do in mathura for tourists
मथुरा के घाट
उत्तर प्रदेश राज्य में मथुरा एक ऐसी जगह है जहां पुराने समय में कई घाट हुआ करते थे लेकिन वर्तमान में यमुना नदी के तट पर स्थित मथुरा में आज कुल 25 घाट स्थित है। इन घाटों का संबंध भगवान कृष्ण के समय से बताया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यहां स्नान करने से भक्तों के पुराने पाप धुल जाते हैं। मथुरा आने वाले तीर्थयात्री यहां के घाट पर पवित्र नदी यमुना में स्नान करना अपना सौभाग्य मानते हैं।
घाटों में विश्राम घाट सहित चक्रतीर्थ घाट, कृष्ण गंगा घाट, गौ घाट, असकुण्डा घाट, प्रयाग घाट, बंगाली घाट, स्वामी घाट, सूरज घाट और ध्रुव घाट आदि के नाम हैं।
खाने-पीने के लिए प्रसिद्ध है मथुरा
घूमने के अलावा मथुरा खाने-पीने की चीज़ों के लिए भी काफी मशहूर है। आप यहां घूमने के अलावा लजीज व्यंजन का भी लुत्फ उठा सकते हैं। तो चलिए बिना देर किए जानते हैं मथुरा के फेमस डिशेज के बारे में...
पेड़े
मथुरा के पेड़े दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यह स्वादिष्ट पेड़े मथुरा के हर गली में मिल जाएंगे। इस टेस्टी मिठाई को दूध चीनी और घी से बनाया जाता है। अगर आप मथुरा घूमने जाए, तो इस पेड़े का स्वाद लेना न भूलें।
कचौड़ी-जलेबी
मथुरा में लोग कचौड़ी-जलेबी भी चाव से खाते हैं। यह स्वादिष्ट व्यंजन मथुरा के हर गली-नुक्कड़ पर बेची जाती है। सुबह या शाम के नाश्ते में यहां लोग खाना पसंद करते हैं।
खास्ता कचौड़ी
मथुरा की खास्ता कचौड़ी भी काफी फेमस है। यह आपको हर छोटी-बड़ी दुकान में मिल जाएगी। इसके अलावा आपको चौराहे पर भी खास्ता कचौड़ी बेचने वाले मिल जाएंगे। जहां आप इस स्ट्रीट फूड का आनंद ले सकते हैं।
घेवर
मथुरा घूमने जाए, तो घेवर को चखना न भूलें। इसे मैदा से बनाया जाता है और चीनी की चाशनी में डूबोया जाता है। इसमें सूखे मेवे भी डाले जाते हैं। अगर आप मीठाइयों के शौकीन है, तो घेवर का आनंद जरूर लें।
ठंडाई
मथुरा की स्पेशल ठंडाई की बात ही कुछ अलग है। यह मंदिरों के आसपास की दुकानों पर मिल जाएगी। मथुरा घूमने जाएं, तो ठंडाई का आनंद जरूर लें।
माखन मिश्री
माखन मिश्री मथुरा का लोकप्रिय मिठाई है। यह भगवान श्री कृष्ण का पसंदीदा भोजन है। बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं को इसे प्रसाद के रूप में दिया जाता है।
गोलगप्पे
यूं तो गोलगप्पे आपको हर जगह मिल जाएंगे, लेकिन मथुरा के गोलगप्पे का टेस्ट ही अलग होता है। यह भी मथुरा के फेमस व्यंजनों में से एक है।
Next Story