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धर्म-अध्यात्म
Masik Shivratri: श्रावण शिवरात्रि में क्यों जरूरी है सभी रूद्रावतारों का आवाहन, जानिए
Deepa Sahu
7 July 2021 12:42 PM GMT
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वेद पुराण के जानकार बताते हैं कि शिव पुराण में शिवजी के कई अवतारों का उल्लेख है.
वेद पुराण के जानकार बताते हैं कि शिव पुराण में शिवजी के कई अवतारों का उल्लेख है. किसी में 24 तो किसी में 19 अवतार बताए गए हैं. इसके अलावा महादेव शंकर के अंशावतार भी हुए हैं. पूरे साल में महाशिवरात्रि के अतिरिक्त मास शिवरात्रियों में इनके श्रावण में पूजन आवाहन का है. कहा जाता है कि इस माह महादेव के सभी अवतारों के पूजन से स्वास्थ्य, संपन्नता और विद्या में बढ़ोतरी होती है.
जानिए शिवजी के अवतार और उनकी विशेषता
1. वीरभद्र : इन्होंने दक्षराज का सिर काटा था.
2. पिपलाद : महादेव ने इनका अवतार लिया था.
3. नंदी के रूप में भी भगवान शंकर धरती पर आए.
4. भैरव अवतार भी शिवजी का पूर्ण अवतार माना गया.
5. द्रोण पुत्र अश्वथामा शंकरजी के पांचवे अवतार बताए गए.
6. शरभावतार के रूप में अवतार लेकर नृसिंह को शांत किया.
7. गृहपति अवतार में भी शंकर ने जन्म लेकर कल्याण किया.
8. ऋषि दुर्वासा रूप में शिव का सबसे प्रमुख अवतार माना गया.
9. हनुमान अवतार लेकर शिवजी ने श्रीराम को विजय दिलाई थी.
10. वृषभ अवतार भोलेनाथ को विशेष परिस्थितियों में लेना पड़ा.
11. यतिनाथ अवतार में महादेव ने भील दंपत्ति की परीक्षा ली थी.
12. कृष्ण दर्शन अवतार लेकर धार्मिक कार्यों का महत्व बताया
13. अवधूत अवतार ने देवराज इंद्र का घमंड चूरचूर कर दिया.
14. भिक्षुवर्य अवतार में संदेश दिया कि वह जीवन रक्षा करते हैं.
15. सुरेश्वर के जरिए भोलेनाथ ने भक्त के प्रति प्रेम प्रदर्शित किया.
16. किरात अवतार के जरिए महादेव ने अर्जुन की परीक्षा ली थी.
17. ब्रह्मचारी रूप में पार्वती के सामने महादेव ने खुद की निंदा की थी.
18. सुनटनर्तक अवतार में महादेव ने हिमालय से मां पार्वती का हाथ मांगा.
19. महादेव ने यक्ष अवतार लेकर देवताओं के झूठे अभिमान को दूर किया.
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