धर्म-अध्यात्म

Masik Shivratri January 2025: मासिक शिवरात्रि कल, जानिए कैसे करें भगवान शिव की पूजा

Renuka Sahu
26 Jan 2025 6:29 AM GMT
Masik Shivratri January 2025: मासिक शिवरात्रि कल, जानिए कैसे करें भगवान शिव की पूजा
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Masik Shivratri January 2025: कल रखा जाएगा भगवान शिव को समर्पित मासिक शिवरात्रि का व्रत। मासिक शिवरात्रि के दिन शिवलिंग की विधिवत पूजा करना विशेष रूप से पुण्यदायक माना जाता है। इस दिन संध्या के समय विधि-विधान से पूरे शिव परिवार की उपासना की जाती है। आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि पर पूजा का शुभ मुहूर्त, सम्पूर्ण विधि और मंत्र-
कैसे करें भगवान शिव की पूजा:स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण कर लें। शिव परिवार सहित सभी देवी-देवताओं की विधिवत पूजा करें। अगर व्रत रखना है तो हाथ में पवित्र जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत रखने का संकल्प लें। फिर संध्या के समय घर के मंदिर में गोधूलि बेला में दीपक जलाएं। फिर शिव मंदिर या घर में भगवान शिव का अभिषेक करें और शिव परिवार की विधिवत पूजा-अर्चना करें। अब मासिक शिवरात्रि व्रत की कथा सुनें। फिर घी के दीपक से पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव की आरती करें। अंत में ॐ नमः शिवाय का मंत्र-जाप करें। अंत में क्षमा प्रार्थना भी करें।
मासिक शिवरात्रि कब है: पंचांग के अनुसार, माघ मास की कृष्ण चतुर्दशी जनवरी 27, 2025 को सुबह 08:34 बजे प्रारम्भ होगी, जिसका समापन जनवरी 28 को शाम 07:35 बजे तक होगा। ऐसे में 27 जनवरी को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा।
ॐ नमः शिवाय
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||
शिव जी की आरती
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्द्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव…॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥ ॐ जय शिव…॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखता त्रिभुवन जन मोहे॥ ॐ जय शिव…॥
अक्षमाला बनमाला मुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी॥ ॐ जय शिव…॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥ ॐ जय शिव…॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता॥ ॐ जय शिव…॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर के मध्ये ये तीनों एका॥ ॐ जय शिव…॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी॥ ॐ जय शिव…॥
त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय शिव…॥
जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा|
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अर्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा…॥
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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