धर्म-अध्यात्म

खरमास में विवाह पंचमी पर बना है शुभ योग, जानिए सीता-राम विवाह आयोजन कराने का लाभ एवं महत्व

Triveni
18 Dec 2020 4:31 AM GMT
खरमास में विवाह पंचमी पर बना है शुभ योग, जानिए सीता-राम विवाह आयोजन कराने का लाभ एवं महत्व
x
हिंदी पंचांग के अनुसार, अगहन महीने या मार्गशीर्ष मास के के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर श्रीराम-सीता के विवाह का महापर्व विवाह पंचमी मनाया जाता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| हिंदी पंचांग के अनुसार, अगहन महीने या मार्गशीर्ष मास के के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर श्रीराम-सीता के विवाह का महापर्व विवाह पंचमी मनाया जाता है। जो इस वर्ष 19 दिसंबर शनिवार को है। इस बार यह पर्व खरमास के दौरान पड़ रहा है, लेकिन इस दिन भगवान का विवाह और विशेष पूजा करवाना और भी शुभ रहेगा। खरमास के दौरान भगवान कृष्ण और श्रीराम की पूजा करने से हर तरह के पाप खत्म होते हैं। इस साल विवाह पंचमी पर ग्रह-नक्षत्रों की विशेष स्थिति से शुभ योग बन रहे हैं।

ग्रह-नक्षत्रों से बढ़ रही है पर्व की शुभता
ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के अनुसार, विवाह पंचमी के दिन चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र के साथ कुंभ राशि में है। इससे वर्धमान योग बन रहा है और सूर्य और बुध धनु राशि में बुधादित्य योग बना रहे हैं। शाम को रवि योग भी रहेगा। इन विशेष योग में पूजा का विशेष फल मिलेगा। शनिवार को गोचर यानी आकाश मंडल में चंद्रमा से एकादश भाव में स्वराशि स्थित बृहस्पति और सूर्य दशम भाव में होकर इस मुहूर्त की शुद्धता को बढ़ाएंगे। इस दिन श्रीराम-सीता की विशेष पूजा और विवाह के आयोजन का अनंत पुण्य मिलेगा।
सीता-राम विवाह कराने का महत्व
जिन लोगों के दाम्पत्य जीवन में कोई समस्या आ रही है या किसी के विवाह में किसी प्रकार की बाधा आ रही है तो उनको विवाह पंचमी के दिन भगवान श्री राम तथा सीता जी का विवाह कराना चाहिए। विवाह पंचमी के दिन रामचरितमानस और श्री राम एवं माता सीता के विवाह प्रसंग का पाठ करना अत्यंत शुभ होता है।


Next Story