धर्म-अध्यात्म

विवाह दोष: शादी में आने वाली बाधाओं को ऐसे करें दूर, जानिए ये 5 उपाय

Deepa Sahu
9 Dec 2020 2:08 PM GMT
विवाह दोष: शादी में आने वाली बाधाओं को ऐसे करें दूर, जानिए ये 5 उपाय
x
विवाह का सीजन चल रहा है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : विवाह का सीजन चल रहा है। यदि किसी जातक की शादी किसी कारण से नहीं हो पा रही है। उसकी कुंडली में विवाह का योग नहीं बन रहा है तो ऐसे जातकों को ज्योतिष शास्त्र में बताए गए कुछ विशेष उपाय करने चाहिए। ज्योतिष विज्ञान में शीघ्र विवाह के लिए बताए गए उपाय बेहद कारगर होते हैं। इन उपायों को करने से जातकों का शीघ्र ही विवाह हो जाता है। ये उपाय इस प्रकार हैं-

केले के वृक्ष की करें पूजा

ज्योतिष विज्ञान के अनुसार, जिन जातकों के विवाह में किसी न किसी प्रकार की रुकावट आ रही है तो उन्हें गुरुवार के दिन व्रत रखना चाहिए और इस दिन केले के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। ज्योतिष में देवगुरु बृहस्पति को विवाह का कारक ग्रह माना जाता है।
इन चीजों को अवश्य करें दान
ज्योतिष विज्ञान के अनुसार, शीघ्र विवाह के लिए, या फिर शादी में आ रही रुकावट के लिए गुरुवार के दिन व्रत करने के साथ-साथ चने की दाल का दान करना चाहिए और गुड़ का प्रसाद लोगों में बांटना चाहिए। इस दिन अधिक से अधिक पीले वस्त्र धारण करें।

गुरुवार के दिन करें ये उपाय

गुरुवार के दिन पीले कपड़े में केले की जड़ और हल्दी लपेटकर दाएं बाजू में बाध लें। यह उपाय आपके विवाह में आ रही सारी रुकावटों को दूर करने में कारगर साबित हो सकता है। लेकिन ध्यान रहे, ये उपाय केवल गुरुवार के दिन ही करें।
इस रत्न को करें धारण
ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह की कृपा दृष्टि पाने के लिए ओपल रत्न को धारण किया जाता है। यह रत्न आपकी विवाह में आने वाली सारी रुकावटों को दूर करने में सक्षम होगा। जिन्हें लव मैरिज करनी हो उन्हें तो यह रत्न जरूर धारण करना चाहिए। परंतु धारण करने से पहले किसी विद्वान ज्योतिषी की सलाह जरूर लें।

इन मंत्रों से मिलेगा जल्दी जीवनसाथी

शीघ्र विवाह के लिए वर-वधु को भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना करनी चाहिए। इसके अलावा शास्त्रों में शीघ्र विवाह के लिए वर और कन्या के लिए अलग-अलग मंत्रों का जाप भी बताया गया है। पूजा के समय आप इन मंत्रों का जप अवश्य करें।
कन्या के लिए:
"ओम गौरी! 'शंकराधीशे! यथा त्वं शंकर प्रियां!
तथा मां कुरु कल्याणि कांता सदुर्लभाम्"
वर के लिएः
"पत्नी मनोरामां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।
तारणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम्।




Next Story