धर्म-अध्यात्म

मार्गशीर्ष या अगहन माह को हिंदू धर्म में बहुत शुभ और मंगलकारी माना जाता है,जानें इस माह में पड़ने वाले प्रमुख व्रत और त्योहार

Kajal Dubey
5 Dec 2021 2:04 AM GMT
मार्गशीर्ष या अगहन माह को हिंदू धर्म में बहुत शुभ और मंगलकारी माना जाता है,जानें इस माह में पड़ने वाले प्रमुख व्रत और त्योहार
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हिंदी पंचांग के नौवें महीने को मार्गशीर्ष या अगहन कहा जाता है||

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।हिंदी पंचांग के नौवें महीने को मार्गशीर्ष या अगहन कहा जाता है। इस माह को हिंदू धर्म में बहुत शुभ और मंगलकारी माना जाता है। चतुर्मास के बाद पड़ने के कारण इस माह में विवाह आदि के शुभ कार्य किए जाते हैं। इस साल मार्गशीर्ष या अगहन माह की शुरूआत 19 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के बाद से हुई थी। 04 दिंसबर को अमावस्या कि तिथि के बाद शुक्ल पक्ष की शुरूआत होगी। जो कि अगहन पूर्णिमा के दिन 19 दिसंबर को समाप्त होगा। इस दिन मां अन्नपूर्णा की जयंति मनाई जाती है। इसके अलावा माह के शुक्ल पक्ष में गीता जयंति का पर्व मनाया जाता है।मान्यता है कि इस दिन ही भगवान कृष्ण के श्री मुख से गीता अवतरित हुई थी। आइए जानते हैं माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाले त्योहारों के बारे में....

1-विनायक चतुर्थी –
मार्गशीर्ष माह की विनायक चतुर्थी का व्रत 07 दिसंबर, दिन मंगलवार को रखा जाएगा। इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश के पूजन का विधान है। उनके निमित्त व्रत रखा जाता है और पूजन किया जाता है।
2-विवाह पंचमी -
विवाह पंचमी 08 दिसंबर, दिन बुधवार को पड़ मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री राम और माता जानकी का विवाह हुआ था। इस दिन राम-जानकी की पूजा करने और रामयण का पाठ करना विशेष फलदायी माना जाता है।
3- गीता जयंती या मोक्षदा एकादशी –
गीता जयंती का पर्व मोक्षदा एकादशी के दिन मनाया जाता है। इस साल ये तिथि 14 दिसंबर दिन मंगलवार को पड़ रही है। मान्यता है कि इस दिन श्रीमद् भागवत् गीता का अवतर भगवान कृष्ण के श्री मुख से हुआ था।
4- प्रदोष व्रत –
माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखने का विधान है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन किया जाता है। इस माह का शुक्ल प्रदोष 16 दिसंबर,दिन गुरूवार को पड़ रहा है।
5- मार्गशीर्ष पूर्णिमा –
मार्गशीर्ष या अगहन मास की पूर्णिमा तिथि 19 दिसंबर, दिन रविवार को पड़ रही है। ये माह का अंतिम दिन है इसके बाद से पौष माह की शुरूआत होगी। इस दिन मां अन्नपूर्णा की जंयती भी मनाई जाती है।


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